IIT के प्रोफेसर शैलेश गणपुले ने सेना के जवानों के लिए एक खास तरह का हेलमेट बनाया है। यह हेलमेट सीमा में तैनात जवानों को पहले से अधिक सुरक्षा देगा। यह एक विस्फोट प्रतिरोधी हेलमेट है। प्रोफेसर शैलेश को साल 2021 में अपने इस आविष्कार के लिए एनएसजी काउंटर IED एंड काउंटर टेररिज्म इनोवेटर अवॉर्ड से भी सम्मानित किया गया है।
प्रोफेसर शैलेश ने बताया कि पारंपरिक हेलमेट आमतौर पर जवानों को गोली से सुरक्षा देता है। लेकिन पारंपरिक हेलमेट जवानों को धमाकों से सुरक्षा प्रदान नहीं कर पाता जिसके चलते आतंकियों द्वारा बिछाए गए लैंडमाइंस इत्यादि में कई जवान शहीद हो जाते हैं। प्रोफेसर का यह हेलमेट जवानों को धमाकों से भी सुरक्षा प्रदान करेगा। हेलमेट की उपरी परत पर एक खास तरह का पैड लगाया गया है जो विस्फोट से उठने वाली तरंगों के असर बहुत कम कर देता है। एक तरह से यह पैड शॉकर का काम करता है।
हेलमेट में एक फेस शील्ड भी लगाया गया है। इससे जवानों के चेहरे को भी सुरक्षा मिलेगी। ग्रेन्युलर नाम के मैटेरियल से इस शील्ड को तैयार किया गया है। विस्फोट से आने वाली तरंगे इस शील्ड को बहुत कम क्षति पहुंचाती है। इस हेलमेट की मदद से जवान का सिर और चेहरा सुरक्षित रहेगा। आतंकवाद रोधी प्रयासों को कम करने के लिए यह एक महत्तपूर्ण आविष्कार है।
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