5 साल के अभिषेक की माँ के निधन के बाद उनके पिता ऑटो चलाकर किसी तरह उन्हें पढ़ा रहे थे। अभी तक अभिषेक सेना में सिपाही के तौर पर भर्ती थे पर आज वो अंतिम चरण पर करकर अफसर बन गए
शनिवार को देहरादून के आईएमए में हुई पासिंग आउट परेड में जिन जेंटलमैन कैडेट्स ने देशसेवा की शपथ ली, उनमे अभिषेक भी शामिल थे, उनके अंतिम चरण पार करते ही वे भारतीय सेना के महत्वपूर्ण अंगों में से एक बन गये । बता दें की अभिषेक सिंह छत्तीसगढ़ के रहने वाले हैं और इनका परिवार भिलाई के खुर्सीपार जोन-2 में रहता हैं। उनके पिता ऑटो ड्राइवर होने के कारण बच्पन में उनके स्कूल की फीस भी बहुत मुस्किल से दे पाते थे। अभिषेक को घर से 5 किलोमीटर दूर साइकिल चलाकर स्कूल जाना पड़ता था। उनके माता- पिता हमेशा से उन्हें सिपाही बनाना चाहते थे और उनके अंदर भी सेना में भर्ती होने का जूनून था। कुछ समय बाद वे सिपाही के तौर पर सेना में भर्ती हो गये और उनकी इसी लगातार मन्नत के बाद आज वो इस मुकाम पर हैं और अपने और अपने माँ-बाप का सपना पूरा कर पाये। परंतु उनकी इस बड़ी जीत में उनकी माँ उनके साथ शामिल नहीं हैं।
अभिषेक जब 5 वर्ष के थे तभी उनकी माँ का निधन हो गया था जिसके बाद उनके पिता ने ही माँ का हर फ़र्ज़ निभाया।अभिषेक के पिता उमेश सिंह ने बताया की उनकी 2021 में सेना में सिपाही के तौर पर भर्ती हुई थी। साथ ही वो अफसर बने के लिए लगातार मन्नत कर रहे थे। अभिषेक पहली बारी में सिलेक्शन क्लियर नहीं कर पाये थे, फिर उसके बाद 2017 में इंडियन मिलिट्री एकेडमी में उनका सिलेक्शन हुआ। अभिषेक सिंह की पत्नी मनीषा सिंह भी उनके अफसर बने से बहुत खुश है और साथ ही बहुत गर्व भी महसूस कर रही है। 12 दिसंबर का यह दिन एक बार फिर इन दोनों के लिए यादगार और ख़ुशीभरा बन गया क्यूँकि इनकी मैरिज एनिवर्सरी भी आज ही के दिन आती हैं।ऑफिसर बनने के बाद में अभिषेक पठानकोट में सेवाएं देंगे।