क्या 10 हफ्तों के अंदर सिक्स पैक मुमकिन है, जानिए BSF जवानों के इस वायरल तस्वीर की सच्चाई..

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know the truth of this viral picture of BSF jawans six packs within 10 weeks

आज सोशल मीडिया पर बीएसएफ के 10 हफ्तों में सिक्स-पैक एब्स वाले इस कोर्स को सभी लोग चर्चा कर रहे है। और आपको बता दें की, एबीपी न्यूज़ ने बीएसएफ से खुद जानने की कोशिश की कि क्या सही में 10 हफ्तों में सिक्स-पैक एब्स बन सकते हैं। और इसका जवाब सुनकर आप भी हैरान रह जाएंगे। आपको बता दें की आजकल सोशल मीडिया पर बीएसएफ जवानों की दो तस्वीरें वायरल हो रही हैं जिसमे पहली तस्वीर में कुछ कैडेट्स हैं, जिनका वजन बढ़ा हुआ है, तो दूसरी तस्वीर में सिक्स-पैक एब्स वाले कैडेट्स दिखाई पड़ रहे हैं।बीएसएफ की मणिपुर स्थित ट्रेनिंग सेंटर ने अपने ट्वीटर एकाउंट से इन दिनों तस्वीरों को एक साथ पोस्ट करते हुए लिखा, 10 हफ्तों का परिणाम।

वहीं, मणिपुर के चूड़ाचंद्रपुर स्थित एसटीसी यानि सबसेडेरी ट्रेनिंग सेंटर के मुताबिक, ये बदलाव फिटनेस से नहीं बल्कि दृढ़-निश्चय से आता है। और आपको बता दें की, पोस्ट में पूरा लिखा है की, ‘आपके शारारिक बनाबट का परिवर्तन केवल आपकी फिटनेस या सहनशक्ति से नहीं होता है’। आप कितने दृढ़ निश्चयी हैं इसका इससे ज्यादा लेना-देना है। हम एसटीसी में अपने प्रशिक्षुओं को इस तरह सोचने के लिए कड़ी मेहनत करते हैं। और ये परिणाम 10 सप्ताह में स्पष्ट है। इन दिनों तस्वीरों को लेकर सोशल मीडिया पर कुछ लोगों ने सवाल भी खड़े किए कि, दोनों फोटो में अलग-अलग कैडेट्स हैं। वहीं, किसी ने लिखा कि 10 हफ्तों में यह संभव नहीं है।

उसके बाद ऐसे में एबीपी न्यूज़ ने खुद बीएसएफ के दिल्ली स्थित मुख्यालय से संपर्क साधा और बीएसएफ के एक अधिकारी ने एबीपी न्यूज से तस्दीक की, कि ये दोनों फोटो एक ही बैच के हैं और दोनों तस्वीरों में सभी कैडेट्स एक ही हैं। तो यानि 10 हफ्तों की कड़ी ट्रेनिंग में मोटे दिखने वाले कैडेट्स को वाकई एक दम फिट बना दिया गया है और उनके सिक्स-पैक एब्स तस्वीर में साफ दिखाई पड़ रहे थे।बता दें की, बीएसएफ के मुताबिक, जो तस्वीरें वायरल हो रही हैं वो चूड़ाचंद्रपुर के एसटीएस सेंटर के सीसी यानि कैप्सूल कोर्स नंबर 43 की हैं। ये कोर्स फिजीकल ट्रेनिंग (पीटी) और अनआर्म्ड कॉम्बेट से जुड़ा है।बता दें की ये एक फोर्स लेबल का कोर्स है जिसमें बीएसएफ के सभी फ्रंटियर हेडक्वार्टर से 4-5 कैडेट्स को चुना जाता है। और उसके बाद उन सभी कैडेट्स को 10 सप्ताह के इस कैप्सूल कोर्स के लिए चुना जाता है जिसमे कुल 70 कैडेट्स शामिल थे। 16 जून को 10 हफ्ते की ट्रेनिंग पूरी होने के बाद भी एसटीसी ने सभी कैडेट्स की फोटो ट्रेनर्स और सीनियर अधिकारियों से जारी की।

बीएसएफ के मुताबिक, दस हफ्ते के इस कोर्स में कुल 448 पीरियड्स होते हैं। और एक दिन में करीब 10 पीरियड चलते हैं। कैडेट्स के हर दिन की शुरूआत सुबह 4.30 पर होती है और ट्रेनिंग शाम 7.30 पर खत्म होती है। और इस ट्रेनिंग के लिए खाने का मैन्यु दिल्ली स्थित फोर्स हेडक्वार्टर ने प्रशिक्षुओं की कड़ी ट्रेनिंग के अनुरूप तैयार करके भेजा था।और इस दौरान उनकी शारारिक-क्षमता बढ़ाने पर ज्यादा जोर दिया जाता है। जिसका परिणाम आपके सामने हैं। ट्रेनिंग के दौरान सभी चुने गए कैडेट्स को वॉलीबॉल, फुटबॉल, हैंडबॉल और बास्केट-बॉल खेलने के लिए भी प्रत्सोहित किया जाता है। तो हम आपको बता दें की, ये फोटो सच हैं, और ऐसा मुमकिन हो सकता है।

 

 

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