राइफलमैन जशवंत सिंह रावत जिनको पूरे देश का युवा जानता है और उनके पराक्रम के लिए उनको अपना आदर्श मानते है। बहादुर सैनिक राइफलमैन जशवंत सिंह रावत का नाम उनके पराक्रम के लिए इतिहास के पनों में स्वर्ण अक्षरों में दर्ज है।आपको बता दे राइफलमैन जशवंत सिंह रावत ने 1962 भारत चीन युद्ध में एकेले ही 300 चीनी सैनिकों को मौत के घाट उतारा था जिसके बाद उनको मरणोपरांत महावीर चक्र से नवाजा गया आज वे पूरे देश के लिए एक आदर्श है देश का हर युवा उनके जैसा देश प्रेमी बनना चाहता है।राइफलमैन जशवंत सिंह रावत का नाम उन सैनिकों के साथ इतिहास के पन्नों में दर्ज है जिन्होंने बिना जान कि प्रवाह किये खुद को दुश्मनों के आगे रख लिया और अपनी अंतिम सांस तक दुश्मनों से लड़ते रहे।और दुश्मनों को अपनी अंतिम सांस तक मौत के घाट उतारते रहे।यह भी पड़े: Garhwal Rifles: देश सेवा की कसम खाकर भारतीय सेना में शामिल हुए 176 जवान
आपको बता दे राइफलमैन जशवंत सिंह रावत ने 1962 के भारत चीन युद्ध में एकेल चीन के 300 सैनिकों को मौत के घाट उतार दिया था जिसके बाद चीनी सैनिकों द्वारा उनको बना लिए गया और चीन के सैनिक इतने आक्रोश में थे कि जशवंत सिंह रावत का धड़ अलग करके अपने साथ ले गए बाद बाद ने उनकी वीरता को देखते हुए चीनी की सरकार ने उनके धड़ को सम्मान पूर्वक वापस लौटा दिया और साथ ने उनकी वीरता के लिए एक कांस की बनी हुई उनकी मूर्ति भी भेंट की। वहीं उत्तराखंड सरकार ने राइफलमैन जशवंत सिंह रावत की पुण्तिथि पर उनको याद करते हुए दो अहम घोषणाएं करी थी जो कि अब उत्तराखंड सरकार द्वारा पूरी कर दी गई है।यह भी पड़े: लद्दाख पर तैनाती हुई तो भारतीय सेना के खौफ से जाते हुए रोने लगे चीनी सैनिक, देखे वीडियो
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत ने राइफलमैन जशवंत सिंह रावत की याद में पहले घोषणा करी थी कि वीरुखाल में होने वाले वाले जशवंत सिंह रावत के मेले को राजकीय मेला घोषित किया जाएगा वहीं दूसरी तरफ राइफलमैन जशवंत सिंह रावत के जन्म स्थान वीरुखल उनके प्रैथक गांव में उनका भव्य स्मारक भी बनवाया जाएगा और साथ ही उंकेन्नमे का एक खेल के मैदान को भी मंजूरी दी गई है।है सभी घोषणाएं सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत ने अपने फेसबुक पेज से साजा करी है।
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