कैप्टन विक्रम बत्रा के हाथों लिखा आखिरी लेटर सिद्धार्थ मल्होत्रा ने किया शेयर, आप भी नहीं रोक पाएंगे अपने आंसू….

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Sidharth Malhotra shared last letter written by captain Vikram Batra on social media

हिंदी फिल्म अभिनेता सिद्धार्थ मल्होत्रा आजकल अपने फिल्म शेरशाह को लेकर सुर्ख़ियों में छाए हुए हैं। हाल ही में रिलीज हुई उनकी फिल्म शेरशाह काफी चर्चा में है। जिसमें सिद्धार्थ मल्होत्रा शहीद कैप्टन विक्रम बत्रा का रोल निभा रहे हैं। आपको बता दें कि शेरशाह फिल्म कारगिल योद्धा कैप्टन विक्रम बत्रा की जीवनी पर आधारित है। इस फिल्म में विक्रम बत्रा की पर्सनल लाइफ से लेकर आर्मी लाइफ तक दिखाई गई है। फिल्म में कियारा आडवाणी उनकी गर्लफ्रेंड डिंपल सीमा का किरदार निभा रही। यह फिल्म 12 अगस्त को ओटीटी प्लेटफॉर्म अमेजॉन प्राइम रिलीज की गई थी उसके बाद से ही इस फिल्म ने सबका दिल जीत लिया।

आपको बता दें कि फिल्म के रिलीज के बाद अभिनेता सिद्धार्थ मल्होत्रा दिल्ली में स्थित वॉर मेमोरियल पहुंचे। स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर उन्होंने फौजियों के प्रति सम्मान जताया वहां कैप्टन बत्रा और कारगिल युद्ध में हुए शहीदों को श्रद्धांजलि दी। सिद्धार्थ मल्होत्रा ने इसकी तस्वीर अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर भी साझा की। इसके साथ ही उन्होंने कैप्टन विक्रम बत्रा के हाथों से लिखा हुआ पत्र भी शेयर किया।

अभिनेता सिद्धार्थ मल्होत्रा द्वारा विक्रम बत्रा का जो लेटर शेयर किया गया था उसमें 23 जून 1999 की तारीख डली हुई थी। क्या है उनकी शहीदी से ठीक 15 दिन पहले की तारीख थी। अपने लेटर में विक्रम बत्रा ने लिखा था- “मैं यह लेटर आपको पॉइंट 5140 से लिख रहा हूं, जिसके बारे में आप लोग हर रोज खबरों में सुन रहे होंगे। हां, आपको यह जानकर खुशी होगी कि हमने इस पर कब्जा कर लिया है।” लेफ्टिनेंट जामवाला और मैंने इस पर हमला किया था और पाकिस्तानियों को मार कर इसे अपने कब्जे में कर लिया है। पूरी बटालियन हमारे इस कार्य से काफी खुश हैं और हमारा नाम महावीर चक्र के लिए भेज दिया गया है। और इसी के साथ मुझे कैप्टन की रैंक भी मिल गई है।

आपको बता दें कि अभिनेता सिद्धार्थ मल्होत्रा ने अपने इंस्टाग्राम अकाउंट पर फोटो शेयर करते हुए कहा कि मैं विक्रम बत्रा और सभी अन्य फौजियों को श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं। जिस गर्मजोशी और स्नेह के साथ वह अपने प्रियजनों को लिखते है युद्ध के समय! यह वह असाधारण क्षमता है जिससे एक सैनिक बनता है। जब मैंने यह पत्र पढ़ा तो मैंने अपने आँखों के सामने विक्रम को देखा! मुस्कुराते हुए, जैसा कि वह पृष्ठभूमि में बम गिराते हुए लिखता है। जैसे उसे समय निकालने के लिए कोई शांत कोना मिल गया हो। लेकिन जब वह काम पर वापस जाएगा, तो यह घातक है कि वह अपनी आखिरी सांस तक अपने देश के लिए लड़ने वाला है। लेकिन सिर्फ एक विक्रम नहीं है। अकेले कारगिल में हमने 527 विक्रम खो दिए। उन्होंने ये दिल मांगे मोर का जीवन जिया! आइए हम अपने दिलों को गर्व से भर दें क्योंकि हम आज हर सैनिक को याद करते हैं।

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