आज हम आपको सॉफ्टवेयर इंजीनियर सतीश कुमार की कहानी बताते हैं जिन्होंने 39 साल की उम्र में इंडियन टेरिटरी आर्मी जॉइन की। सतीश कुमार ने LinkedIn पर अपने सलेक्शन की प्रक्रिया को शेयर किया है। यह कहानी सबको प्रेरणा देती है। सतीश कुमार ने लिखा है कि मैंने अपने सपनों को टूटने नहीं दिया बल्कि उनको पंख लगा कर एक नई उड़ान दी। इस उड़ान का समापन बेहद सुखद है, कांधे पर लगे सेना के सितारे अलग ही खुशी देते हैं।
सतीश कुमार ने सिलेक्शन प्रोसेस शेयर करते हुए बताया कि प्रदेशिक सेना के लिए उम्र सीमा 18 से 42 होनी चाहिए। साथ ही उन्होंने बताया कि जुलाई 2019 में करीब डेढ़ लाख उम्मीदवारों ने लिखित परीक्षा दी थी। परीक्षा दो 2 घंटे के दो पेपर में संपन्न हुई। परीक्षा अपने आप में बहुत चुनौतीपूर्ण नहीं थी लेकिन भीड़भाड़ वाले मैदान में कटऑफ बनाना मुश्किल लग रहा था। 2 महीने बाद जब रिजल्ट आया तो करीब 2079 उम्मीदवारों को पर्सनल इंटरव्यू के लिए शॉर्टलिस्ट किया गया। सभी उम्मीदवारों को दक्षिणी राज्य पुणे में इंटरव्यू में भाग लेने के लिए सूचना मिली थी।
उसमें से सतीश कुमार भी एक थे। जब है इंटरव्यू में पहुंचे तो उन्होंने देखा कि दूसरे कैंडिडेट्स की उम्र 30 साल से काम थी और वह 37 साल के थे। उन्होंने लिखा मैं सबसे उम्र दार लग रहा था मुझे लगा मेरी उम्र की वजह से मुझे इंटरव्यू से रिजेक्ट कर दिया जाएगा। उन्होंने बताया कि उनका पर्सनल इंटरव्यू एक मेजर जनरल, दो लेफ्टिनेंट कर्नल ऑफिसर और एक मनोवैज्ञानिक ने लिया, जिसके बाद वे अगले राउंड के लिए सेलेक्ट हो गए। अब एसएसबी का 5 दिन का प्रोसेस था। यह सब को क्वालीफाई करना था और यह काफी कठिन था। 816 कैंडिडेट्स को दो ग्रुपों में बांटा गया। उनका बैच अप्रैल 2020 में शुरू होना था, लेकिन कोरोना के कारण वह जुलाई 2020 में शुरू हुआ।
पहले दिन 172 कैंडिडेट्स वहां आए, जिसमें से 16 कैंडीडेट्स पास होकर अगले राउंड में गए, सतीश को मालूम था कि अगले 4 दिन उनको बहुत मुश्किल होने वाला है। वह उन 4 कैंडीडेट्स में थे जिन्होंने यह 4 दिन पास कर मेडिकल एग्जामिनेशन में पहुंच गए थे। लेकिन मेडिकल एग्जामिनेशन में चारों कैंडिडेट्स ही रिजेक्ट हो गए। लेकिन रिजेक्शन के बाद भी एक बार अपील करने का मौका मिलता है। उन्होंने कमांड हॉस्पिटल बेंगलुरु चुनाव और सितंबर 2020 में उनका मेडिकल क्लियर हो गया। जिसके बाद उनका डॉक्यूमेंटेशन हुआ।
उन्होंने बताया कि तकरीबन 6 महीने इंतजार करने के बाद अप्रैल 2021 में उन्हें ऑफर लेटर मिला। उन्हें ग्रेडियर रेजिमेंट में 118 इन्फेंटरी बटालियन असाइन हुआ। एक सम्मानित रेजिमेंट का हिस्सा बनना मेरे लिए बहुत गर्व की बात है। एक महीने बाद मैंने यूनिट में रिपोर्ट किया। फिर चार हफ्ते फिजिकल ट्रेनिंग चली। दो वर्षों बाद लेफ्टिनेंट बने।
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