मुठभेड़ में शहीद हुए जवानों से दुगुनी है आत्महत्या करने वाले जवानों की संख्या…

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The number of soldiers committing suicide are twice than the number of the soldiers martyred

जोधपुर: अद्र्धसैनिक बल में आत्महत्या के बढ़ते मामलों को लेकर अब सरकार चिंता में पड़ गई है। जब कुछ समय पहले संसद में केंद्र सरकार ने इन मामलों के आंकड़ों की बात की तो इससे सभी चौंक गए। यह आंकड़े सबको हैरान करने वाले थे दरहसल, आतंकियों से लोहा लेते हुए जितने भी अद्र्धसैनिक बलों के जवान शहीद हुए है, उससे दोगुने जवानों ने आत्महत्या की है। जी हां, केंद्रीय गृह मंत्रालय के मुताबिक साल 2015 से 2020 तक 323 जवान पैरा मिलिट्री फोर्सेज के अलग अलग मुठभेड़ों में शहीद हुए है, जबकि इस अवधि में 680 जवानों ने आत्महत्या की है।

राज्यसभा में गुरुवार को गृह मंत्रालय की ओर से पेश हुए लिखित जवाब के मुताबिक पिछले पांच सालों में सशस्त्र सीमा बल (एसएसबी) के 18 जवानों ने आत्महत्या की तो भारत-तिब्बत सीमा संगठन (आईटीबीपी) के 46 ने भी की खुदकुशी। वहीं हवाई अड्डों पर सुरक्षा की जिम्मेदारी लेने वाले केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (सीआईएसएफ) के 100 जवानों ने भी आत्महत्या की है। बात करें सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) की तो इसके 180 जवानों ने भी अलग अलग कारणों के चलते आत्महत्या की। साथ ही केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के सबसे अधिक 236 जवानों ने भी खुदकुशी की।

कुछ जवानों ने अवसाद के कारण तो कुछ ने घरेलू समस्या के चलते कुछ जवानों ने बीमारी और वित्तीय समस्याओं के चलते की आत्महत्या। 2015 से लेकर 20200 तक अद्र्धसैनिक बलों ने अपने 1764 जवानों को खोया है। इसे कम करने और रोकने हेतु सरकार जवानों को तनाव से दूर रखने के लिए अलग अलग पेशेवर एजेंसियों की सहयाता भी लेती है। साथ ही आइआइएम अहमदाबाद ने भी इसमें अध्ययन करने के बाद इसके लिए कुछ उपाय भी बताए, लेकिन यह सिलसिला अब भी जारी है।

ज्यादा पुराना नहीं केवल दो दिन पहले का यह मामला है, त्रिपुरा में जोधपुर की ओसियां तहसील के मातोड़ा के रहने वाले बीएसएफ जवान बाबूलाल चौधरी ने सुबह 5 बजे खुद को गोली मारकर खुदकुशी कर ली। उनकी तैनाती इस समय त्रिपुरा के पहरामपुरा बॉर्डर पर थी। गोली उन्होंने खुद की ही सर्विस राइफल से ड्यूटी के दौरान मारी। अब इसका कारण जानने के लिए बीएसएफ ने जांच के लिए कोर्ट ऑफ इंक्वायरी के आदेश भी दिए हैं।

जवानों की मौत के आंकड़े
बल ————– आत्महत्या ———- मुठभेड़
आईटीबीपी —— 46 ———– 0
असम राइफल्स —— 52 ———– 53
एसएसबी —— 66 ———– 9
सीआईएसएफ —— 100 ———–0
बीएसएफ —— 180 ———– 43
सीआरपीएफ —— 236 ———–218

पांच साल के अंदर जान गंवाने वाले जवान
बल ————– मारे गए जवान
एसएसबी —— 460
असम राइफल्स —— 785
आईटीबीपी —— 802
सीआईएसएफ —— 1391
सीआरपीएफ —— 2329
बीएसएफ —— 2609

जवान जिनकी हादसों में गई जान
बल ————– मृतक संख्या
असम राइफल्स —— 104
एसएसबी —— 119
आईटीबीपी —— 148
सीआईएसएफ —— 212
बीएसएफ —— 543
सीआरपीएफ —— 638

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