मेहनत और लगन हिम्मत से रंग लाती है, इसीलिए तो हरिवंश राय बच्चन जी ने खूब कहा है “लहरों से डर कर नौका पार नहीं होती….हिम्मत करने वालों की कभी हार नहीं होती।” इसी बात को साबित केरल पुलिस महिला पुलिस उपनिरीक्षक ने कर दिखाया है। महिला का नाम एनी शिवा है। सोशल मीडिया में आजकल वे काफी चर्चा में बनी हुई है। कहानी पूरी संघर्ष से भरी पड़ी है।
एनी ने कांजीरामकुलम के केएनएम गवर्मेंट कॉलेज से ग्रेजुएशन करते हुए उन्होंने परिवार खिलाफ जाकर शादी की। घरवालों ने उन्हे घर से निकाल लिया। लेकिन केवल 18 वर्ष की उम्र में उनके पति ने उनका साथ छोड़ दिया। उनके साथ उनका 6 माह का बच्चा था। जिसके बाद उन्होंने अपनी दादी के घर के पीछे एक झोपड़ी में रहने का फैसला किया और वहां रहकर छोटे मोटे काम करने लगीं। लेकिन वह सब काम कर भी उनका काम न चला। अपने बच्चे का पालन पोषण करने के लिए उन्होंने सड़कों पर नींबू पानी और आइसक्रीम तक बेचा। लेकिन इन कामों से भी ज्यादा कुछ न हो सका।
उन्होंने कामों के साथ अपनी पढ़ाई भी जारी रखी,साथ ही समाजशास्त्र से उन्होंने अपनी ग्रेजुएशन को पढ़ाई पूरी की। इसके बाद उन्होंने वर्ष 2014 में तिरुवनंतपुरम के कोचिंग सेंटर में एडमिशन कर अपने एक दोस्त की सहायता से सब इंस्पेक्टर के पद की परीक्षा दी। इसके बाद इस परीक्षा में उन्होंने 2016 में सफलता मिली और वह सिविल पुलिस अधिकारी बनीं। इसके तीन वर्ष बाद 2019 में वे सब-इंस्पेक्टर की परीक्षा में भी उत्तीर्ण हुई। अब डेढ़ साल की मेहनत यानि ट्रेनिंग के बाद वे सब इंस्पेक्टर के रूप में वर्कला थाने में प्रोबेशनरी कार्यभार संभाल रही है।
एनी शिवा के द्वारा बताया गया, कि उनकी पहली पोस्टिंग वर्कला पुलिस स्टेशन में हुई। वहां उन्होंने अपने बेटे के साथ बहुत बुरे दिन गुजारे है।उस समय उनका साथ देने वाला कोई नहीं था। उनकी इस प्रेरणादायक कहानी को केरल पुलिस ने भी शेयर की है।साथ ही उन्होंने ट्वीट कर एनी को एक इच्छाशक्ति और आत्मविश्वास का सच्चा मॉडल बताया है। उनकी हिम्मत, मेहनत लगन से आज वह सब इंस्पेक्टर बनी है। सभी महिलाओं को उनसे प्रेरणा लेनी चाहिए। जिंदगी से हार न मानकर उनसे जिंदगी जीने का तरीका सीखना चाहिए।