दिल्ली के मालवीय नगर में सड़क किनारे ढाबा खोले बुजुर्ग दंपती का वीडियो वायरल होने के बाद ग्राहकों की भीड़ लग गई थी और फिर वो रातोंरात मशहूर हो गए थे। बाबा का ढाबा रातों रात फेमस हो गया था। वीडियो में बुजुर्ग कांता प्रसाद रो रहे थे क्योंकि कोरोना लॉकडाउन के कारण उनका रोजगार ठप पड़ गया।अपको बता दें की, कांता प्रसाद और बादामी देवी का ढाबा जब कोरोना की पहली लहर में ठप पड़ गया तो एक यूट्यूबर ने उनका वीडियो बनाकर लोगों से इनके ढाबे में खाने की अपील की थी। इसके बाद उनकी अपील पर ‘बाबा का ढाबा’ मशहूर हो गया और वहां पर ग्राहकों की लंबी लाइनें लग गईं। वहीं, कई लोगों ने मदद के तौर पर चंदे भी दिए।
इस कारण बुजुर्ग दंपती ने अपना रेस्तरां खोल लिया और अपने सभी कर्जे उतार दिए और खुद और परिवार के लिए स्मार्टफोन भी खरीद लिए। उसके बाद बाद में बाबा का नया ढाबा फूड डिलिवरी ऐप जोमाटो पर भी लिस्ट हो गया। अब वही पुरानी कहानी दुहराने लगी है। कांता प्रसाद और बादामी देवी का नया रेस्तरां तो फरवरी में ही बंद हो गया था और दोनों सड़क किनारे के पुराने ढाबे को ही खोल लिया था। लेकिन, कोरोना की दूसरी लहर में फिर से लॉकडाउन लगा तो पुराना ढाबा भी बंद करना पड़ा और यह दंपति फिर से आर्थिक तंगी का शिकार हो गए।
बताया जा रहा है की, कांता प्रसाद ने अंग्रेजी अखबार द हिंदुस्तान टाइम्स से कहा, “कोविड लॉकडाउन के कारण हमारे ढाबे पर ग्राहकों का आना कम हो गया। हम लॉकडाउन से पहले हर दिन 3,500 रुपये तक की बिक्री करते थे जो अब 1,000 रुपये तक रह गया है। इतने पैसे से आठ सदस्यों का हमारे परिवार का भरण-पोषण नहीं हो पाता है।वहीं, हम आपको बता दें की, पिछले साल वीडियो वायरल होने के बाद पैसे मिले तो कांता प्रसाद ने 5 लाख रुपये की लागत से नया रेस्तरां खोला था और कुछ लोगों को नौकरी पर भी रख ली थी। उन्होंने हिंदुस्तान टाइम्स को बताया, “हम महीने में औसतन 40 हजार रुपये से ज्यादा की बिक्री कभी नहीं कर पाए। हमें घाटा उठाना पड़ा।
मुझे लगा कि हमने नया रेस्तरां खोलने का गलत सुझाव मान लिया। हमने जो 5 लाख रुपये लगाए थे, उनमें से कुर्सियां, बर्तन, कुकिंग मशीन आदि बेचकर सिर्फ 36,000 रुपये ही वापस मिल पाए। वहीं, इस पूरे मामले में जिस यूट्यूबर गौरव वासन ने कांता प्रसाद का वीडियो बनाया था, बाद में कांता ने उन्हीं पर पैसे हड़पने का आरोप लगा दिया। इतना ही नहीं, बुजुर्ग ने वासन के खिलाफ धोखाधड़ी का केस भी दर्ज करवा दिया था। उनका आरोप था कि वासन ने अपने और अपने सगे-संबंधियों के बैंक डीटेल और मोबाइल नंबर ही शेयर किए थे। उन्होंने कहा कि दान के पैसे उनके ही अकाउंट में आए थे जिसमें से बड़ी रकम वासन ने हड़प लिया।
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Baba Ka Dhaba's Kanta Prasad shuts down the new eatery, (opened in December 2020) due to losses. He says, "On an investment of Rs 1 lakh, we only earned Rs 35,000, thats' why shut it. I'm happy to run my old eatery as customer footfall is good here." pic.twitter.com/sA8xdcgp1z
— ANI (@ANI) June 8, 2021
"I will run this Dhaba till I am alive. The day business sees a slump, I will shut it. We have kept Rs 20 lakhs for me & my wife from the money we were donated last year," he adds.
— ANI (@ANI) June 8, 2021