बड़ी खबर उत्तराखंड: जानिए ब्लैक फंगस के क्या हैं लक्षण, और खुद को करे सतर्क…

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Know all information about black fungas

देहरादून: राज्य में कोरोना के केस पहले ही डरा देने वाले हैं, यहां तक की इस बार पहाड़ों में भी संक्रमण बढ़ता है जा रहा, और इसी बीच अब ये नया संक्रमण आ गया है, जिसने सबको डरा कर रख दिया है। म्यूकोर माइकोसिस यानी ब्लैक फंगस जो की एक नई बीमारी सामने आई है। आपको बता दें की, यह वायरस भी उसी में ज्यादा नजर आ रहा है जिनकी शरीर की इम्यूनिटी कम है। वहीं, हम आपको बता दें की हम आपको इससे जुड़ी जानकारी और विशेषज्ञों की राय से आपको सतर्क रहने और सावधानी बरतने को कहेंगे।

वहीं, आपको बता दें की, पंडितवाड़ी स्थित केयर मेडिकल सेंटर के वरिष्ठ सांस एवं छाती रोग विशेषज्ञ डॉ. परवेज अहमद ने इस बीमारी से जुड़ी महत्तवपूर्ण बातें बताई हैं। उन्होंने बताया कि ब्लैक फंगस उन लोगों को ज्यादा हो रहा है, जो की गंभीर बीमारियों जैसे मधुमेह से ग्रस्त हों या फिर अस्पताल से ऑक्सीजन, , बुजुर्गों, वेंटिलेटर पर रहे लोग आदि में यह बीमारी ज्यादा हो रही है। वहीं, इसके अलावा डॉ परवेज ने कुछ और अहम बातें साझा की हैं।

उन्होंने बताया है की ब्लैक फंगस के कारण और बचाव क्या होंगे

1. स्टेरॉयड और एंटीबायोटिक दवाओं के अत्यधिक इस्तेमाल से भी खतरा बढ़ता है।

2. पुराने मास्क, गीला तौलिया व गीली मिट्टी से भी यह संक्रमण हो सकता है।

3.इसके अलावा नमी और गंदगी से भी यह संक्रमण हो सकता है।

4. खेती करने वाले लोग काम होने के बाद हाथ पैरों समेत पूरे शरीर को ठीक तरह से धोकर साफ करें।

5. खेती करने वाले ऐसा करते समय हाथों में ग्लब्ज और पैरों में रबड़ के जूते पहनें।

6. वहीं, डॉक्टर ने बताया की, इस बीमारी में सबसे चिंताजनक बात है इसका इलाज। ब्लैक फंगस में अधिकतर आंख, कान, जबड़ा, दांत और दिमाग में नुकसान होता है। उक्त अंगों में ही ये संक्रमण फैल सकता है, और अगर समय रहते इलाज नहीं हुआ तो इसका ऑपरेशन करना होता है। इसके अलावा बता दें कि इसका उपचार बहुत महंगा होता है और वहीं इसका इलाज लंबे समय तक चलता है। इसलिए सभी को सावधानी बरतने की बहुत जरूरत है।

चलिए हम आपको बताते हैं की, ब्लैक फंगस के क्या लक्षण हैं –

1. आंखों में सूजन

2. आंखों के चारों तरफ काली लाइनें

3.दांतों में दर्द

4. नाक का सूजना

5.सिर में एक तरफ का दर्द

6. दिमाग में सूजन

वहीं, राजकीय दून मेडिकल कॉलेज अस्पताल के वरिष्ठ नेत्र रोग विशेषज्ञ डॉ. सुशील कुमार ओझा ने बताया है की, इसके इलाज के एक डेढ़ महीने बाद तक भी शुगर पर अत्याधिक ध्यान देना जरूरी होता है। और वहीं इसको नियमित रखना और साफ सफाई बनाए रखना भी अहम है। अगर किसी को स्टेरॉइड लेने हैं तो सबसे पहले वे डॉक्टर की सलाह ले लें, और उसी के बाद इसका उपयोग करना चाहिए। डॉक्टर के बताए अनुसार धीरे-धीरे स्टेरॉयड का इस्तेमाल बंद या कम कर दें। वहीं, बहुत से राज्यों ने इस बीमारी को महामारी का नाम दे दिया है। इसलिए सतर्क रहिए और अपने घर पर सुरक्षित रहिए। मास्क एवं दो गज दूरी का पालन करें।

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