आपको बता दें कि मेरठ के मेजर मयंक विश्नोई जम्मू कश्मीर में आतंकियों से लोहा लेते हुए शहीद हो गए। 27 अगस्त को जम्मू कश्मीर के शोपियां में आतंकियों से मुठभेड़ के दौरान वह बुरी तरह से घायल हो गए थे । जिसके बाद उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया क़रीब 16 दिन बाद उनकी शहादत हो गई। मयंक की शहादत की ख़बर मिलते ही उनके परिजनों में सन्नाटा पसर गया। 12 सितंबर यानी कल उनका पार्थिक शरीर उनके आवास मेरठ पहुंचाया जाएगा। जिसके बाद पूरे सैन्य सम्मान के साथ उन्हें अंतिम विदाई दी जाएगी।
मयंक विश्नोई मेरठ के कंकरखेड़ा क्षेत्र के निवासी थे। वर्ष 2010 में वह IMA देहरादून से पास आउट हुए थे। हाल ही में उनकी पोस्टिंग जम्मू कश्मीर में थी। 27 अगस्त को जम्मू कश्मीर के शोपियां ज़िले में आतंकियों से मुठभेड़ के दौरान उनके सिर पर गोली लगी जिसके बाद सेना के अधिकारियों द्वारा उन्हें उधमपुर के सैन्य अस्पताल में भर्ती कराया गया। अस्पताल में उपचार के दौरान मेजर मयंक की मौत हो गई।
मेजर मयंक विश्नोई की शहादत की ख़बर सुनकर उनके परिवार में मातम छा गया। बता दें कि मेजर मयंक के पिता और अन्य परिजन इस वक़्त उधमपुर में ही है। उनके घर पर कुछ रिश्तेदार और घर के अन्य सदस्य हैं। उनके घर पर लोगों का जमावडा होना शुरू हो गया है हर कोई शहीद के घर वालों को सांत्वना दे रहे हैं। मयंक के मामा बताते हैं कि उनका बचपन से ही सपना था कि मुझे सेना में जाना है और देश के लिए कुछ करना है। लेकिन यह किसी को नहीं पता था कि 30 साल की उम्र में ही वो देश के लिए कुरबान हो जाएंगे।
शहीद के चचेरे भाई ने बताया है कि सेना की तरह से जानकारी मिली है कि अभी उनका पार्थिक शरीर उधमपुर के सेना अस्पताल में हैं। रविवार सुबह उनका पार्थिक शरीर मेरठ लाया जाएगा। जहाँ सैन्य सम्मान के साथ मेजर मयंक विश्नोई को अंतिम विदाई दी जाएगी। ALSO READ THIS:मुंबई में निर्भया कांड, रेप के बाद प्राइवेट पार्ट में रॉड डालकर आतें बाहर खींची, महिला ने तोड़ा दम…