खबर है की, भारतीय सेना में बदलाव की कोशिश में सेना की लाजिस्टक टेल को छोटा करने की तैयारी की जा रही है। आपको बता दें की, सेना ने अगले तीन-चार सालों के अंदर करीब एक लाख जवानों को कम करने का लक्ष्य बनाया है। और इसके साथ सेना की लड़ाकू टुकड़ियों के साथ सप्लाई एवं सपोर्ट में लगे जवानों की संख्या कम करने का फैसला लिया है।
आपको बता दें की, रक्षा मंत्रालय से संबद्ध संसदीय समिति को सेना के शीर्ष अधिकारियों ने ये जानकारी देते हुए कहा है की, इन्फेंटरी जवानों पर फोकस किया जा रहा है। वहीं उन्हें आधुनिक तकनीक से कम किया जाएगा, इसलिए ताकि सीमाओं की सुरक्षा का जिम्मा उन्हीं पर है। जवानों को अत्याधुनिक तकनीकें उपलब्ध कराई जाएंगी और इसके साथ ही ‘टूथ टू टेल रेशियो’ में कमी की जाएगी। इसलिए सप्लाई और सपोर्ट कार्य में लगे जवानों की संख्या में कमी की जाएगी।
वहीं इस पर उदाहरण देकर, संसदीय समिति को समझाया गया कि, सेना की एक लड़ाकू कंपनी में अभी 120 लोग है, लेकिन अगर इस कंपनी को कम कर दिया जाए, तो वो ही कार्य 80 लोग कर सकते हैं, जिसमे अभी 120 लोग काम कर रहे हैं। जानकारी के मुताबिक, सेना द्वारा कहा गया है कि, जनरल वी. पी. मलिक जब सेना प्रमुख थे, तो तब 50 हजार लोगों की कमी की गई थी, लेकिन अब अगले तीन-चार सालों में एक लाख जवान कम किए जा सकते हैं।
इससे जो राशि बचेगी वह सैनिकों को तकनीक से लैस करने में खर्च किए जायेंगे। समिति की यह रिपोर्ट संसद में पेश हो चुकी है। सेना में अत्याधुनिक तकनीकों का इस्तेमाल बढ़ रहा है, उसमें इस प्रकार जवानों का काम होना सही माना जा रहा है।