यह घटना बागेश्वर की है जहां डॉक्टर की लापरवाही की वजह से 70 साल की किशोरी की जान चली गई। किशोरी के परिजनों ने डॉक्टर पर गंभीर आरोप लगाया है शादी अपनी बेटी के लिए इंसाफ की मांग की है ताकि कभी भी ऐसी घटना किसी भी बच्ची के साथ दुबारा ना घटे। 17 साल की राधा पांडे पुत्री संतोष पांडे जिले के अयारतोली गांव में रहती थी। कुछ दिन पहले उसकी तबीयत खराब होने की वजह से उसके परिजन उसे बैजनाथ स्वास्थ्य केंद्र ले गए।
वहां उसके जरूरी टेस्ट और अल्ट्रासाउंड किए गए। 16 जुलाई को राधा को इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया लेकिन इलाज करने के बजाय डॉक्टर ने उसे दवाई लिख कर डिस्चार्ज कर दिया। राधा की हालत काफी खराब थी। 18 जुलाई को परिजन बच्ची को सीएचसी बैजनाथ ले गए, लेकिन वहां तैनात स्टाफ ने बताया कि यहां डॉक्टर नहीं और राधा को एडमिट नहीं किया गया। ALSO READ THIS:पहाड़ से सामने आई दुखद खबर, 32 वर्षीय महिला समेत दो जुड़वा बच्चों की मौत….
चिंतित परिजन राधा को जिला अस्पताल ले गए, लेकिन वहां भी लापरवाही बरती गई। राधा की हालत में सुधार ना होने की वजह से उसे 20 जुलाई को रेफर कर दिया गया। परिजन राधा को लेकर हल्द्वानी के सुशीला तिवारी अस्पताल समेत बरेली और दिल्ली के कई अस्पतालों में घूमते रहे। इन अस्पतालों में राधा के इलाज के लिए परिजनों से लाखों रुपए मांगे गए, जो कि उनके पास नहीं थे। थक-हार कर परिजन राधा को वापस हल्द्वानी ले आए जहां उसकी मौत हो गई।
राधा की मौत के बाद पिता संतोष पांडे, चाचा भुवन पांडे और माता बिमला देवी ने अस्पताल के डॉक्टरों पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने कहा कि पहाड़ों में तैनात डॉक्टरों को रिपोर्ट तक पढ़नी नहीं आती। राधा को लीवर से संबंधित बीमारी थी लेकिन डॉक्टर बीमारी तक पता ना कर सके। इस लापरवाही की वजह से हमने अपनी बच्ची को खो दिया। दादा के घर वालों ने एसडीएम को एक पत्र लिख बच्ची को इंसाफ दिलाने की मांग की है। ताकि पहाड़ों में किसी भी माता-पिता को अपने बच्चों को ना खोना पड़े।ALSO READ THIS:चमोली: फॉरेस्ट गार्ड भर्ती में 25 किलोमीटर दौड़ पूरी करने के बाद सूरज प्रकाश की मौत..