कर्नल अजय कोठियाल, इन्हें कौन नहीं जानता। ऐसा कोई देश प्रेमी नहीं होगा जिसने कर्नल कोठियाल का नाम नहीं सुना होगा। सेना में रहते हुए इन्होंने कई बार आतंकियों का सफाया किया है। 2013 में केदारनाथ में जब भीषण आपदा आयी थी उसके बाद उसे फिर से बसाने में कर्नल कोठियाल का बहुत बड़ा योगदान रहा है। कई सालों से वह युवाओं को यूथ फाउंडेशन के जरिये देश की सेना में भर्ती होने के लिये तैयार कर रहे हैं।
बीते दिनों ही वह म्यांमार से वापस लौटे हैं। वहां कर्नल सबसे कठिन रोड प्रोजेक्ट में शामिल हुए थे। रोड प्रोजेक्ट को पूरा कर अब वह देश वापस लौट आये हैं। काफी लंबे समय से अटकलें लगायी जा रही थी कि कर्नल कोठियाल राजनीति में प्रवेश करने वाले हैं। उन्होंने भी कई बार राजनीति में आने का मन बनाया लेकिन कभी इसपर उन्होंने खुलकर चर्चा नहीं की। लेकिन अब उन्होंने सामाजिक और राजनीतिक कार्यों में शामिल होने का निर्णय ले लिया है। फेसबुक पोस्ट के जरिये उन्होंने इस बात का खुलासा किया और जल्द ही अपने इस निर्णय को वह सार्वजनिक भी करने वाले हैं।
कर्नल अजय कोठियाल ने अपनी पोस्ट में लिखा कि वह प्रोजेक्ट समाप्त जर म्यांमार से वापस आ गये हैं। उन्होंने कहा देहरादून के नेहरू कॉलोनी में उनकी मुलाकात कोटद्वार के एक युवक से हुई। युवक का नाम किशोर रौतेला है और वह 23 वर्ष का है। उन्होंने कहा कि वह जन्म से ही अपाहिज है। उसकी दोनों टांगे बिल्कुल कमजोर है। वह बिना बैसाखी के चल भी नहीं सकता है। युवक ने कर्नल को बताया कि उसने कभी अपने आप को अपाहिज नहीं समझा और न ही उसने अपने उम्र के लोगों को यह महसूस होने दिया कि वह अपाहिज है।
कर्नल ने पोस्ट के जरिये कहा कि “23 वर्षीय किशोर रौतेला ग्रेजुएशन करने के बाद रेस्टोरेंट में कैशियर की नौकरी कर रहे हैं। उसने हमसे पूछा कि उत्तराखंड की जनता की हमसे क्या उम्मीद है। युवक की इस बात से प्रेरित होकर अब हमने एक बड़ा और अहम फैसला लेने का निश्चय किया है। हम जल्द ही आपको अपना फैसला सुनायेंगे। इसके लिए हम भुला किशोर रौतेला को भी धन्यवाद करते हैं।”