देवभूमि उत्तराखंड के लाल मनदीप सिंह नेगी की शहादत की खबर सुन सभी लोग दुखी हो गए थे।अब वे सिर्फ सभी की यादों में हैं। कम उम्र में देश के लिए शहीद होना बहुत बड़ी बात है।लेकिन इकलौते बेटे की शहादत की खबर स्वीकार करना बूढ़े मां बाप के लिए बहुत कठिन है।उनके बुढ़ापे का सहारा उनसे छीन गया है।
मनदीप पौड़ी गढ़वाल जिले के सकनोली गांव के निवासी थे। उनका परिवार आर्थिक रूप से कमजोर था। उनके पिता गांव में ही मजदूरी करते थे।जैसे तैसे पढ़ाई पूरी कर वर्ष 2018 में मनदीप ने गढ़वाल राइफल्स की 11वीं बटालियन ज्वाइन की।उनका सपना अपने माता पिता के लिए एक बड़ा घर बनाने का था।वे हमेशा अपने माता पिता से विषय पर जरूर बात करते। ALSO READ THIS:रात में सो रखा था मुकेश का परिवार, अनियंत्रित डंपर ने कुचलकर परिवार के 5 सदस्यों को उतार दिया मौत के घाट…
पहली बार जब मनदीप छुट्टी में घर आए थे तो उन्होंने अपने पिता को मजदूरी करने से साफ मना कर दिया।पिछले साल उनकी सगाई हुई थी और जुलाई में शादी होनी थी।शादी की तैयारियों के बीच गुरुवार को बेटे की शहादत सुन माता पिता सदमे में जा चुके थे ।बेटे का पार्थिव शरीर रविवार को उसके घर लाया गया,जिसको देख पिता नियति को कोसे जा रहे थे।राइफलमैन मनदीप इस समय जम्मू-कश्मीर के गुलमर्ग क्षेत्र में सौंजियान पोस्ट पर तैनात थे।लेकिन दुर्भाग्यवश वे गुरुवार की शाम को ड्यूटी के समय शहीद हो गए। एक माता पिता ने अपनी इकलौती संतान को खो दिया।
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