इस महामारी के दौर में भी बहुत से लोग ऐसे है जो बिना जांच कराए दूसरे राज्यों से उत्तराखंड लौट रहे है।इसका नतीजा कोरोना का खतरा बहुत तेजी से बढ़ रहा है।कुछ समय में ही उत्तराखंड में बहुत से एक्टिव केस पाए गए है। इसके चलते कंटेनमेंट जोन की संख्या बढ़ती ही चली जा रही है। अभी तक उत्तरकाशी में 60 कंटेनमेंट जोन है,जो सभी जिलों में सबसे अधिक है।
इसके बाद भटवाड़ी में 42 ,जोशियाड़ा में 3 कंटेनमेंट जोन है।वही बड़कोट में 10, पुरोला में 05 इलाकों को सील कर दिया गया है। चंपावत जिले की बात करे तो यहां भी 20 कंटेनमेंट जोन बनाए गए हैं जिनमे से बनबसा में 1,बाड़ाकोट और पाटी में भी 1,चंपावत में 02,टनकपुर में 13, लोहाघाट में 2 कंटेनमेंट जोन बनाए गए है। वहीं पौड़ी जिले की बात की जाए तो पौड़ी में 3, कोटद्वार में 7,श्रीनगर में 3 और चाकीसैंण में 1 इलाके सील है।टिहरी में 9 और चमोली में भी 3 कंटेनमेंट जोन बनाए गए है। टिहरी की बात की जाए तो कीर्तिनगर-घनसाली में 2,टिहरी में 5 और नरेंद्रनगर में 2 इलाकों को सील किया गया है।
चमोली के कर्णप्रयाग और गैरसैंण में भी 1- 1 इलाके सील है। अल्मोड़ा में भी 2 कंटेनमैंट जोन है।पिथौरागढ़ जिले से भी मूनाकोट ब्लॉक को सील करने की खबर मिली है। रुद्रप्रयाग जिले से भी नगर क्षेत्र, ऊखीमठ और जखोली में 1-1 इलाकों को सील करने की खबर सामने आ रही है।
बढ़ते आंकड़ों के साथ साथ इस महामारी का खतरा भी बढ़ रहा है।रोजाना के नए मामले सामने आ रहे है और रोजाना ही बहुत सी जाने जा रही है। ऐसे में घरों से बाहर निकलना एक बड़ी चुनौती बन चुका है। नियमों का पालन कर ही हम इस महामारी को हरा सकते है।इसीलिए कोविड नियमों का सख्ती से पालन करना बहुत ही महत्वपूर्ण हो गया है।
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