उत्तराखंड में कोरोना महामारी का कहर बढ़ता ही चला जा रहा है। हर एक घर के बाद दूसरे घर में परिजन बीमार नजर आ रहे है।रुद्रप्रयाग जिले में तो बहुत कहर छाया हुआ है।इस जिले में तो बहुत बुरा मंजर चल रहा है।कहीं मौत का कहर छाया है तो कहीं गांव के लोग बीमार पड़े हुए है। लेकिन स्वाथ्य विभाग को इस बात की कोई जानकारी नहीं थी। किसी ने जानकारी लेना जरूरी भी नही समझा।
जब गांव में मौत का सिलसिला चला तब जाकर प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग होश में आया।जब तीन लोगों की मृत्यु के बाद कंडारा गांव में लोगों के कोरोना टेस्ट होने शुरू हुए तो वहां 100 में से 31 लोग कोरोना पॉजिटिव पाए गए।वहां के हर गांव में कुछ ऐसे ही हाल है।बामसू नामक गांव में 13 लोगों के कोरोना पॉजिटिव होने की पुष्टि हुई है।लेकिन जब वहां के ग्रामीणों से पूछा गया,तो उन्होंने सीधे कहा कि यहां कोई भी कोरोना टेस्ट नही हुआ है। स्वास्थ्य विभाग ने उस गांव को कंटेनमेंट जोन घोषित कर दिया।
बसुकेदार नामक गांव में 51 लोग कोरोना संकर्मित पाए गए।लेकिन स्वास्थ्य विभाग ने उस गांव को कंटेनमेंट जोन घोषित नहीं किया।जिसके चलते यह महामारी और तेजी से फैल गई।कुछ लोग घर पर ही रहकर अपनी मृत्यु के इंतजार में है और स्वास्थ्य विभाग ऐसी लापरवाही कर रही है।गांव के गुस्साए हुए लोग जिलाधिकारी को पत्र भेज अपनी शिकायत को बयां कर रहे है।पूरे रुद्रप्रयाग में यही हालत है।प्रशासन मौत के आंकड़े लगा रही है और वहां का स्वास्थ्य विभाग उन आंकड़ों को बढ़ाने में प्रशासन की सहायता कर रही है। यही सिलसिला जारी रहा तो रुद्रप्रयाग में कोरोना का कहर भयानक रूप ले सकता है।
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