उत्तरखंड के पहाड़ी लोग अपने भोले पन की वजह से जाने जाते है। जब भी कोई भी व्यक्ति पहाड़ी क्षेत्र में जाता है,तो उसका बहुत अच्छे से आव्हान किया जाता है। लेकिन कुछ लोग पहाड़ी क्षेत्र के इस अच्छे व्यवहार को बहुत हल्के में से लेते है,और इसे गढ़वाल के लोगों की कमजोरी समझ बैठते है।हमारी आज की खबर भी कुछ इसी बात से जुड़ी हुई है। हरियाणा से आए हुए कुछ पर्यटकों ने गढ़वाल में एक गरीब चायवाले को बिना किसी गलती के पीट दिया। पर्यटन राजस्व का एक बड़ा साधन है, लेकिन कुछ लोगों ने इसे मजाक बना कर रखा है। कई बार इनकी वजह से केवल प्रकृति को नहीं बल्कि हमारी संस्कृति को भी हर्जाना भरना पड़ता है।
खबर की बात करे, तो असल में चायवाले ने केवल आरोपी पर्यटकों से अपनी मेहनत की कमाई यानि उनके खाने पीने के पैसे मांगे। इसपर वे सभी आरोपी पर्यटक भड़क उठे। उन्होंने चायवाले की बुरी तरह से पिटाई की,साथ ही उसके बर्तनों को भी नदी में फेंक दिया। डरा, सहमा हुआ गरीब चायवाला कुछ न कर सका।पीड़ित ने कुछ समय पहले ही खुद के पैरों पर खड़े होने के लिए अपना काम शुरू किया था, लेकिन इस समय वह बुरी तरह डरा हुआ है।
आरोपी पर्यटक तो पीड़ित को जान से मार ही देते लेकिन इनका हंगामा देखते हुए इस क्षेत्र के गांव वाले समय पर वहां पहुंच गए। उन्होंने किसी तरह पीड़ित की जान बचाई। गांव वालों को आता देख कुछ पर्यटक जंगल की तरफ भागने लगे। सभी आरोपियों में से दो पर्यटकों को गांव वालों ने पकड़ लिया। इसके बाद दोनो की खूब खबर ली गई। साथ ही उनकी एक वीडियो बनाई गई और उसे सोशल मीडिया पर अपलोड किया गया। वीडियो में आरोपी पर्यटक अपना नाम दीपक बता रहा है। उसने बताया की वे सभी लोग हरियाणा के पानीपत से घूमने उत्तराखंड आए थे। साथ ही वीडियो में यह भी बताया गया है कि पीड़ित युवक की पिटाई आरोपियों ने केवल 500 रुपये के बिल के लिए की गई। उसे लाठी-डंडों से बहुत बुरी तरह पीटा गया और उसके सामान को भी नदी में फेंक दिया गया। आरोपी पर्यटक नशे की हालत में थे।बाद में दोनो आरोपी सभी से माफी मांगने लगे।
यह सब पहली बार नहीं हो रहा जब पर्यटकों ने ऐसा कुछ बुरा काम किया है। ऐसे अनेकों किस्से है, जिससे यह पर्यटक प्रदेश की छवि को दागदार बना रहे हैं। जहां पहले के समय में गंगा नदी के किनारे पूजा अर्चना होती थी वहीं आज कुछ लोग अय्याशी, दारू पार्टी का माहौल बनाते फिर रहे है। उत्तराखंड के लोगों का भी यह मानना है कि हमारी संस्कृति और छवि के साथ छेड़ छाड़ करने वाले पर्यटकों के खिलाफ सख्त कार्रवाई होनी ही चाहिए।