होली से एक दिन पहले होलिका दहन होता है। जिसमें हिन्दू धर्म के अनुसार यह माना जाता है कि इस दिन अच्छाई की बुराई पर जीत होती है। लेकिन होलिका दहन के कुछ देर बाद ही उत्तराखंड के ज्योतिनगर थाने इलाके से एक मार्मिक तस्वीर सामने आई। भूखे पेट को भरने के लौट इंसान से क्या क्या नहीं करता। होलिका दहन की रात को होलिका को जलाकर लोग अपने अपने घरों पर चले गये। लेकिन वहीं एक महिला होलिका दहन के बाद लोगों के जाने का इंतज़ार कर रही थी। क्योंकि उन्हें भी अपने घर के लिए खाना बनाना था।
जब लोग होली बनाकर अपने घर चले गए तब ज्योतिनगर थाने के पास नकुल पथ पर एक महिला होलिका पर रोटियाँ सेकती दिखाई दी। महिला ने होलिका की बची बुची गर्म लकड़ियों पर एक तरफ दाल चढ़ा रखी थी तो दूसरी तरफ वह रोटियाँ सेक रही थी। पहली बार ऐसा हुआ होगा कि होलिका एक गरीब के घर का चूल्हा बनी। तस्वीरों से आप साफ साफ देख सकते हैं कि किस तरह महिला अपने परिवार के लिए होलिका पर रोटियाँ सेंक रही है। गरीबों को रोज की रोजी रोटी के लिये न जाने किन-किन हालातों से गुजरना पड़ता है।