उत्तराखंड:हिमालय क्षेत्र में ऋषिकेश- कर्णप्रयाग रेल लाइन में पहाड़ के नीचे से 20 किलोमीटर लंबी टनल बनाई जाएगी और ये टनल हिमालय क्षेत्र में अब तक की सबसे लंबी टनल होगी।केंद्र सरकार ने देश के इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूती से खड़े रखने के लिए पहड़ाओं में भी रेल पहुंचने में जुटी हुई है।हमरे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के सपने उनके ड्रीम प्रोजेक्ट में शामिल ऋषिकेश – करणप्रयाग रेललाइन परियोजना का काम तेजी से आगे बढ़ रहा है। उत्तराखंड के सभी पहाड़वासी सालों से यहन पर चार धम यात्रा के लिए रेल पटरी का इंतजार में लगे हुए थे जो कि अब खत्म होने ही वाला है। पहाड़ों के नीचे ऋषिकेश – कर्णप्रयाग रेल लाइन में 20 किलोमीटर लंबी टनल बनने की योजना बनाई जा रही है।
कहा जा रहा है की विकस निगम ने इस टनल के निर्माण के लिए रेल ने एल ए एल टी कंपनी के साथ 3338 करोड़ का अनुबंध किया है। ये टनल हिमालय क्षेत्र में बनने वाली सुरंग को टनल बोरिंग मेथड और न्यू औरिस्ट्रयन टनल मेथड से बनाया जाएगा, जो कि इन हिमालय क्षेत्र के चेनाग 47 प्लस 360 से 63 प्लस 117 किलोमीटर तक बनेगी। ये टनल हिमालय क्षेत्र की अब तक की सबसे लंबी टनल होगी । टनल की लंबाई 20.807 किलोमीटर होगी, जो को हिमालय छेत्र में किसी भी परियोजना में अब तक की सबसे सर्वधिक लंबाई है। टनल की खुदाई टी बी एम से होगी और ये भी हिमालय छेत्र के भूभाग में सबसे बड़ी बोरिंग मशीन है।
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यह रेल लाइन उबड़- खाबड़ हिमालय इलाकों ऋषिकेश – कर्णप्रयाग को पार करेगी। माना जा रहा h की इस रेल प्रोजेक्ट के तहत रेलवे लाइन के दोनों किनारों पर 800 मीटर के तटबंध के साथ 14.577किलोमीटर अप लाइन और 13.123 डाउन लाइन का निर्माण है। चारो धाम के इस रेल प्रोजेक्ट तहत आपस में जोड़ने के लिए 125 किमी लंबी रेलवे लाइन बनाई जा रही है। जिसमे से 10 स्टेशन तो पुल के उपर और सुरंग के अंदर से होंगे। और शिवपुरी और ब्यासी ऐसे स्टेशन होंगे जिनका कुछ भाग खुली जमीन पर होगा।खुली जमीन पर ये रेलवे स्टेशन का खुला भाग ही दिखेगा । दूसरे रेलवे स्टेशन सुरंग के अंदर और पुल के उपर बनाए जाएंगे।रेल मार्ग का 84.24 फिसिदी भाग अंडरग्राउंड होगा। और इस रेलवे का काम साल 2024-25 तक पूरा करने का लक्ष्य रेखा गया है जिसका सबको बेसब्री से रहेगा ।