रुड़की : आज भारत में अपहरण की घटनाएं आम हो गई हैं। हर वर्ष इनकी बढ़ती संख्या हमें यह सोचने पर विवश कर रही है कि मानव अब मानवता को छोड़कर दानवता की ओर अग्रसर हो रहा है। छोटे-छोटे मासूम बच्चों को ढाल बनाकर पैसा कमाने की चाह आज उन्हें यह निकृत्य कर्म करने को विवश कर रही है। अपहरण की ऐसी ही एक घटना रुड़की से आ रही है जहां दो साल के बच्चे का अपहरण होते होते रह गया।
जानकारी के मुताबिक गुरुवार की शाम रुड़की के अशोक नगर में स्तिथि घर के पूर्व मकान मालिक को मिलने दो साल का बच्चा और 4 साल की बेटी गए थे।बच्चों का नाम शिवांगी और शिवांग था।कुछ देर मिलने के बाद दोनों बच्चो कों छोड़ने पूर्व मकान मालिक की दस वर्षीय बेटी उनके साथ आयी।बेटी का नाम आग्रिमा था।वह दोनों बच्चो के हाथ पकड़ कर उन्हे सावधानी से ले जा रही थी।
तभी तेजी से बाइक में सवार बदमाशो ने दो साल के शिवांश का अपहरण करने की कोशिश कर उसको छीनकर बाइक में बैठाने कि कोशिश करी लेकिन तभी बहादुर अग्रिमा ने साहस कर शिवांश का हाथ नहीं छोड़ा वह कुछ दूरी तक घिसटते हुए बाइक के साथ चले गई।लेकिन उसने हिम्मत नहीं छोड़ी और वह जोर जोर से चिल्लाने लगी।उसकी आवाज सुन सभी लोग इक्कठा होने लगे।और पकड़े जाने के डर से उन बदमाशो ने बच्चे को छोड़ दिया और वहां से भाग निकले। आग्रिमा की इस बहादुरी से मासूम शिवांश का अपहरण होते होते बच गया।परिजनों को यह खबर मिलते ही उन्होंने पुलिस में शिकायत दर्ज करवाई।अभी पुलिस रास्तों में लगे सीसीटीवी फुटेज से मामले की जांच कर रही है।