उत्तराखंड: जानिए बर्ड फ्लू के दौरान चिकन और अंडा खाना कितना सुरक्षित, पड़िए WHO ने क्या रिकमेंड किया…

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WHO recommends eating chicken and egg during bird flu is safe or not

बर्ड फ्लू या चिड़ियों का इन्प्लुएन्जा, एक विषाणुजनित रोग है। यह विषाणु मुर्गी एवं अन्य चिड़ियों पर पनपता है। फ्लू का कारण एवियन इन्फ्लूएंजा( H5N1)है।इससे सिर्फ पक्षी ही नहीं बल्कि मनुष्य और अन्य जानवर भी संक्रमित हो सकते है।
हालांकि यह वायरस मुख्य रूप से सिर्फ पक्षियों तक ही सीमित होते हैं एवं बहुत ही दुर्लभ मामलों में मनुष्य भी इससे संक्रमित हो जाते हैं।

अभी तक दर्जनों से भी ज्यादा प्रकार के बर्ड फ्लू संक्रमणों की पहचान कर ली गई है, जिनमें हाल ही में मनुष्यों को संक्रमित करने वाले वायरस के दो प्रकार शामिल हैं। ये दोनो वायरस ‘एच5एन1’ और ‘एच7एन9’ के नाम से जाने जाते हैं। जब बर्ड फ्लू मनुष्यों के शरीर में हमला करते हैं तो इससे जानलेवा स्थिति पैदा हो सकती है। मनुष्यों में संक्रमण मुख्य रूप से संक्रमित जानवर या दूषित वातावरण से सीधे संपर्क में आने पर फैलता है।

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इन वायरसों में एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति के शरीर में फैलने की क्षमता नहीं होती। हाल फिलहाल इस वायरस का संकट भारत के हिमाचल प्रदेश, मध्य प्रदेश, केरल और राजस्थान में कन्फर्म के लिया गया है।इसे अन्य राज्यों में फैलने से रोकने के लिए नेशनल कैपिटल में एक कंट्रोल रूम तैयार कर लिया गया है।राहत की बात यह है कि इंसानों में अभी तक इस वायरस के फैलने की कोई खबर सामने नहीं आयी है।

इस वायरस के चलते अगर कोई व्यक्ति अंडा मीट मछली या किसी भी पोल्ट्री का सेवन करता है तो ध्यान रहे इसको अच्छे से स्वच्छता को ध्यान में रखकर पकाएं। इसलिए कम से कम चिकन को 70 डिग्री सेल्सियस (तापमान) में पकाएं जिससे चिकन के वायरस खत्म हो जाएंगे।यही सलाह who भी देता है।

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