32 किलोमीटर दूर था अस्पताल, बीच जंगल के गदेरे में करवाना पड़ा प्रसव…

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Woman gives delivery in in the forest in nizamula valley as hospital was 32 km away

पहाड़ी राज्यों में हमेशा सुविधाओं की कमी रही है। कहीं रोड खराब होती है तो कही अस्पतालों में उचित सुविधाएं नहीं होती। इससे वहाँ रहने वाले लोग काफी प्रभावित होते हैं और उन्हें काफी परेशानियों का भी सामना करना पड़ता है। ऐसे ही एक खबर उत्तराखंड के चमोली जिले से सामने आयी है। मामला जिले के निजमूला घाटी का है। जहां स्वास्थ्य सुविधाओं की कमी की कीमत एक गर्भवती महिला को चुकानी पड़ी। बीते रविवार महिला को अचानक प्रसव पीड़ा होने लगी।

समय पर उपचार न मिलने के कारण महिला का प्रसव स्थानीय महिलाओं ने गदेरे में ही करवाया। गर्भवती महिला को पालकी के जरिये अस्पताल लेजाया जा रहा था। अस्पताल गाँव से बहुत दूर था। महिला को बीच जंगल में ही प्रसव पीड़ा शुरू हो गयी। इसके बाद 2 किलोमीटर आगे के एक गाँव से कुछ महिलाओं को बुलाया गया। फिर उन महिलाओं ने आकर गदेरे में ही गर्भवती महिला का प्रसव करवाया। बाद में महिला और नवजात शिशु दोनों को अस्पताल ले जाया गया।

दरअसल भनाली गाँव के मुकेश राम की पत्नी मीना घास काटने जंगल गयी हुई थी। अचानक उन्हें जंगल में ही प्रसव पीड़ा होनी शुरू हुई। जब महिला की हालत ज्यादा बिगड़ने लगी तो पालकी के जरिये गांव के लोग उसे अस्पताल ले जाने लगे। लेकिन गाँव से 2 किलोमीटर दूर महिला की हालत काफी बिगड़ गयी। इसके कारण कुछ महिलाओं की मदद से मीना का प्रसव पास के गदेरे में करवाना पड़ा। इसके बाद मीना और उसके बच्चे को गांव वापस ले गये। फिर वहां से दोनों को अस्पताल ले जाया गया।

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