रामपुर जिले के मुतियापुरा गांव में पुलिस के खौफ से ग्रामीण पलायन करने को मजबूर है। घटना जिले के थाना भोट की है। यहां चुनावी रंजिश के कारण अब ग्रामीण गांव छोड़ने को मजबूर है। पंचायत चुनाव में भूपेंद्र सिंह चुनाव जीते थे। लेकिन थाने के एसओ और पूर्व ग्राम प्रधान धर्मपाल के बीच में संबंध अच्छे थे। एसओ चाहता था कि चुनाव पूर्व प्रधान धर्मपाल ही जीते। लेकिन जब ग्रामीणों ने भूपेंद्र सिंह को नया प्रधान बनाया। तो एसओ ने नए प्रधान और उनके समर्थकों पर झूठे मुकदमे दर्ज करवा दिए।
नए प्रधान के समर्थकों के घरों में पुलिस बल ने जमकर तोड़फोड़ की। इससे ग्रामीणों का लाखों का नुक़सान हो गया। अब वे पुलिस के खौफ के कारण गांव छोड़कर जाने को मजबूर हो गए। ग्रामीणों ने अपने मकान बेचने के लिए रख दिए हैं। मकानों के बाहर लिखा है कि यह घर बिकाऊ है। गांव के कई घर सुनसान पड़ गए। लोग ट्रैक्टर ट्रॉलियों में समान भरकर गांव से जा रहे हैं। ग्रामीणों ने कई उच्च अधिकारियों से भी शिकायत की लेकिन किसी ने भी उनकी नहीं सुनी। जिसके कारण ग्रामीण गांव छोड़ने पर मजबूर हो गए हैं।
यूपी सरकार में जल शक्ति राज्य मंत्री सरदार बलदेव सिंह और क्षेत्र विधायक से इस मामले के बारे में जब पूछा गया तो उन्होंने ऐसा दर्शाया मानों उन्हें गांव में हो रही इतनी बड़ी घटना की कोई जानकारी ही ना हो। उन्होंने बस इतना कहा कि जरूरत पड़ने पर वह गांव जाकर स्थिति का जायजा लेंगे। एक ग्रामीण मुराली लाल सैनी ने कहा कि एसओ चाहता था कि पूर्व प्रधान धर्मपाल चुनाव जीते। लेकिन जब चुनाव भूपेंद्र सिंह जीते। तो एसओ उनसे गुस्सा हो गए। उन्होंने पूर्व प्रधान के कहने पर नए प्रधान के समर्थकों के घरों में तोड़फोड़ करवा दी। इसी कारण ग्रामीण पलायन करने को मजबूर हो गए।
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