पंजाब सरकार ने सोनिया गांधी के आदेश पर राज्य में फंसे मजदूरों को निःशुल्त अपने अपने राज्यों में वापस भेजना शुरू कर दिया गया है

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  • मजदूरों की पहली ट्रैन जालंधर से झारखंड के लिए हुई रवाना
  • प्रॉपर स्क्रीनिंग करने के बाद ही मजदूरों को स्टेशन के अंदर जाने दिया गया
  • प्रदेश में 6.5 लाख मजदूर अपने गांव वापस जाने के लिए रेजिस्ट्रेशन करवा चुके हैं

सोनिया गांधी के आदेश पर पंजाब सरकार ने अपने खर्चे पर मजदूरों को उनके राज्यों में वापस भेजना शुरू कर दिया है, मजदूरों के लिए पहली ट्रैन जालंधर से झारखंड के लिए चलाई गई जहां सोशल डिस्टेंसिंग का पूरा ध्यान रखते हुए सभी मजदूरों को ट्रैन में बैठाया गया जिसके बाद पंजाब सरकार के खर्चे पर ट्रैन जालंधर से झारखंड के लिए यह रवाना हुई हालांकि इससे पहले जिन मजदूरों ने अपने गांव वापस जाने के लिए रजिस्ट्रेशन करवाया था उन्हें प्रशासन द्वारा एक मैदान पर बैठाया गया और वहां पर उनकी एक एक कर स्क्रीनिंग करने के बाद ही उन्हें स्टेशन के अंदर भेजा गया, आपको बता दे प्लेटफार्म पर भी सभी मजदूरों ने सोशल डिस्टेंसिंग का पालन किया और जिस व्यक्ति को ट्रैन में जहां बैठने के निर्देश दिए गए वो व्यक्ति वहीं जाकर बैठा।

बताया गया कि लॉकडाउन की वजह से पंजाब में फंसे जितने भी मजदूर अपने गाँव लौटना चाहते है उन्हें राज्य सरकार अपने खर्चे पर भेजेगी जिसके बाद अकाली दल के नेता प्रेम सिंह चंदोमाजरा ने पंजाब सरकार के इस फैसले पर सवाल उठाते हुए राज्य सरकार से अपील करते हुए कहा कि उन्हें मजदूरों को गांव भेजने की बजाय पंजाब में ही उनके रहने और खाने पीने की व्यवस्था करनी चाहिए, इससे पहले पंजाब सरकार ने गांव लौटने के लिए मजदूरों को रजिस्ट्रेशन करवाने के निर्देश दिए थे और अब तक करीब 6.5 लाख लोग अपने गांव लौटने के लिए रेजिस्ट्रेशन करवा चुके हैं, इन मजदूरों में ज्यादातर मजदूर बिहार और उत्तर प्रदेश के रहने वाले हैं आपको बता दे कि पंजाब में दूसरे राज्यो के करीब 10 लाख मजदूर हैं जिनमें से 7 लाख मजदूर तो केवल लुधियाना में ही रहते हैं।


 

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