मोहम्मद हारून अली 2 महीने पहले ही हरिद्वार में स्थित दरगाह पिरान कलियर के प्रबंधक हुआ करते। आपको बता दीजिए विजिलेंस की टीम ने हारून को 10 हज़ार रिश्वत लेते रंगे हाथ पकड़ा था। मिली जानकारी के मुताबिक तलाशी लेने के दौरान हारून की आलमारी से पाकिस्तानी नोटों की 8 चादरों समेत कई अन्य आभूषण भी मिले हैं। मिली संपत्ति दरगाह के रिकॉर्ड में दर्ज नहीं है। आशंका जताई जा रही है कि हारुक इस संपत्ति को अपने ही पास रखना चाहता है।
एसडीएम अपूर्व पांडे ने बताया कि मामले की कड़ी से कड़ी जांच कराई जा रही है। यह जिम्मेदारी अब एएसडीएम पूरन सिंह राणा को दी गई है। 9 जून को विजिलेंस की टीम ने दरगाह में हारूक को 10 हज़ार की रिश्वत लेते पकड़ा था। हारून दरगाह के सुपरवाइजर से उपस्थिति रजिस्टर में नाम दर्ज करने के लिए रिश्वत मांग रहे थे। विजिलेंस की टीम की कड़ी कार्रवाई के बाद हारुक के दफ्तर को सीज किया गया और साथ ही उन्हें दरगाह के प्रबंधक के पद से भी हटा दिया गया।
मंगलवार को एसडीएम के निर्देश पर तहसीलदार सुरेश पाल ने हारुख के दफ्तर का सील खोला और वहां रखी अलमारी खोली तो वह आश्चर्यचकित रह गए। अलमारी से पाकिस्तानी नोटों की करीब 8 चादरे मिली। और इसके अलावा सौ रुपये, बीस रुपये, पांच रुपये भारतीय नोटों की चादरे, कीमती पगड़ियां और दरगाह से जुड़ी पत्रावलियां भी बरामद हुईं।
अधिकारी ने बताया कि दरगाह के पदाधिकारी को चढ़ाया गया कोई समान या आभूषण अपने पास रखने की इजाजत नहीं है। इसे दरगाह के स्टोर में जमा करना होता है लेकिन यहां तो हारूक की अलमारी से मिला सामान की दरगाह की रजिस्टर में कोई एंट्री नहीं थी। मजिस्ट्रेट अपूर्व पांडे के निर्देश पर बरामद सामान की लिस्ट बना दी गई है और की अब जांच की जाएगी।
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