आपको बता दें कि उत्तराखंड के पहाड़ी क्षेत्रों में अक्सर भूकंप की खबरें आती रहती है। देहरादून पिथौरागढ़ उत्तरकाशी चमोली जैसे बड़े जिलों में भूकंप के झटके कई बार महसूस किए जा चुके हैं। उत्तराखंड राज्य भूकंप के जोन में पांचवें नंबर पर आता है। कुछ समय पहले वाडिया इंस्टिट्यूट ऑफ हिमालयन जियोलॉजी के वैज्ञानिकों ने इसकी वजह का पता लगाया, और साथ ही चेतावनी भी दी है। यह भूकंप 8 रिक्टर स्केल का भी हो सकता है।
इसकी वजह से टैक्टोनिक प्लेट, जो धरती के नीचे मौजूद है, और बड़े विनाश का सबब बन सकती है। सबसे संवेदनशील जोन 5 की बात करें तो इसमें रुद्रप्रयाग के अधिकतर भाग के अलावा बागेश्वर, चमोली, पिथौरागढ़, और उत्तरकाशी जैसे जिले आते हैं। वही जो क्षेत्र संवेदनशील 4 में है उनमे उधम सिंह नगर, पौड़ी गढ़वाल, चंपावत, नैनीताल, हरिद्वार, और अल्मोड़ा जैसे जिले शामिल है। तेरी और देहरादून क्षेत्र दो जोन में आता है। हिमालयी क्षेत्र में इंडो-यूरेशियन प्लेट की टकराहट के वज़ह से जमीन के अंदर से ऊर्जा बाहर निकलती रहती है। जिसकी वजह से भूकंप के झटके महसूस होते हैं।ALSO READ THIS:छुट्टी पर घर आया BRO जवान नदी में बहा, रेस्क्यू कार्य जारी, अभी तक नहीं मिली कोई खबर…
धारचूला में हो रही भूगर्भीय गतिविधियों को लेकर मई 2021 में वाडिया के वैज्ञानिकों का एक शोध जियोफिजिकल जर्नल इंटरनेशनल व टेक्टोनोफिजिक्स जर्नल में प्रकाशित हुआ है। जिसमे कहा गया कि उत्तर पश्चिमी हिमालय के मुकाबले कुमाऊं हिमालय में क्रस्ट लगभग 38-42 किमी मोटा है। यही क्रस्ट इस क्षेत्र में सूक्ष्म और मध्यम तीव्रता के भूकंपों के लिए जिम्मेदार है। धारचूला में पिछले 3 साल में वैज्ञानिकों ने 4.4 तीव्रता के 30 से अधिक भूकंप रिकॉर्ड किए हैं।
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