काबुल हवाईअड्डे पर अफगानिस्तान से ‘अपनों’ को निकालने के लिए ब्रिट्श और अमेरिकी जवानों को बहुत दुख भरे मंजर देखने को मिले है। जब से तालिबान ने काबुल पर कब्जा किया है, ऐसा दिन कोई नही है जिसमे सैनिकों की आंखे नम न हुई। लगातार 2-3 दिन से सैनिक इस ही कई दृश्यों से गुजर रहे हैं। ‘द सन’ की रिपोर्ट के मुताबिक, शुक्रवार को भी काबुल एयरपोर्ट में वो ही बेबसी वाला मंजर बना हुआ था। बहुत से नागरिक अपने छोटे बच्चो को लेकर हवाईअड्डे आए थे, इस आस में कि उनके बच्चे उस नर्क से निकल जाएं और वे सभी इसके लिए अमेरिकी सैनिकों से गुहार लगाते रहे।
एक परिवार ने तो अपने नवजात बच्चे को तालिबान के खौफ का हवाला देते हुए सैनिकों की तरफ उछाल दिया, यह देख सैनिक भी बच्चे को पकड़ने से खुद को नहीं रोक सके। एक सैनिक ने कटीले तारों के ऊपर से झुक कर बच्चे को पकड़ लिया। यह नजारा देख सभी सैनिकों की आंखे नम हो गईं। ऐसे कई मां बाप अपने बच्चो को बचाने के लिए अमेरिकी सैनिकों से मदद की भीख मांगते नजर आए। काबुल के एयरपोर्ट में भले ही ब्रिटिश और यूएस सैनिकों का कब्जा है लेकिन उससे बाहर तालिबान का कहर बरस रहा है।
एयरपोर्ट पहुंचने वाले अफगानियों को आतंकी मार रहे हैं। ऐसे में सभी महिलाएं अपने बच्चो को बचाने की कोशिश में लगी है। रिपोर्ट में बताया गया है कि बाद में माता पिता को उसके बच्चे से अब मिला दिया गया है। उन्होंने अपने बच्चे को वहां से बाहर निकलने के लिए भगदड़ और कई गोलियों का सामना किया। हवाईअड्डे पर ऐसे कई नजारे देखने को मिल रहे है। महिलाएं अपने बच्चों को उछालते हुए नजर आर रही है। कुछ बच्चो को तो सैनिक पकड़ रहे है लेकिन हर बच्चा इतना खुशकिस्मत नहीं है।कुछ बच्चो को कटीले तारों पर गिरने से चोट भी आई है।
ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने भी तालिबान को मान्यता देने के कुछ संकेत दिए हैं। उन्होंने कहा कि यदि अफगानिस्तान को इस संकट से बचाने के लिए उन्हे तालिबान के साथ काम करना पड़ा, तो वह इसके लिए भी तैयार हैं। साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि अफगान संकट का समाधान खोजने का प्रयास अभी चल रहा है। यदि इसके लिए उन्हें आवश्यक हुआ तो तालिबान के साथ काम भी करना पड़ा तो भी उन्हे गुरेज नहीं होगी। इस समय ब्रिटेन और अमेरिका के सैनिक काबुल में अपने लोगों को सुरक्षित निकालने के लिए मौजूद है।