नई दिल्ली:- सोमवार को दुनिया मे सबसे बड़ा पुरस्कार नोबेल प्राइज 2021 की स्थापना की गई। इस नोबेल प्राइज को अमेरिकी साइंटिस्ट डेविड जूलियस और अर्देम पटापाउटियन को टेंपरेचर और स्पर्श के लिए रिसेप्टर्स की खोज करने पर फिजियोलॉजी ने आवर्ड दिया। तीन साइंटिस्टों को 2020 में मिला था नोबेल प्राइज- लिवर को ठीक करने वाले हेपेटाइटिस सी वायरस की खोज करने पर तीन साइंटिस्टों को ये अवार्ड मिला था। इतनी भयंकर बीमारी को फैलने से रोका गया और ब्लड बैंक के द्वारा इस बीमारी को रोकने के लिए टेस्ट किये गए।
कैसे चुनते है विजेता का नाम- नोबेल असेंबली की मेम्बर और फिजियोलॉजी की प्रोफेसर जुलीन जीरथ ने बताया कि जब फिजियोलॉजी या मेडिसिन को अल्फ्रेड नोबेल ने जब नोबेल प्राइज को लिस्ट में शामिल किया, तब वह अपने इस फैसले से संतुष्ट थे, साथ ही उन्होंने कहा कि वह एक ऐसी खोज करना चाहते है जिससे मानव जाति को लाभ हो।
कौन है डेविड जूलियस और अर्डेम पटापाउटियन ?- 1984 में डेविड ने कैलिफ़ोर्निया यूनिवर्सिटी से डिग्री प्राप्त कर यूनिवर्सिटी ऑफ कैलिफोर्निया के प्रोफेसर बन गए। अगर बात करें अर्डेम पटापाउटियन कि तो 1996 में उन्होंने कैलिफोर्निया इंस्टीट्यट ऑफ टेक्नोलॉजी से पीएचडी की डिग्री प्राप्त की। वर्ष 2000 से अर्डेम पटापाउटियन स्क्रिप्स रिसर्च, ला जोला, कैलिफोर्निया में काम करने लगे। दोनो साइंटिस्ट ने बताया कि कैसे हमारा शरीर सर्दी, गर्मी, का संकेत हमे नर्वस सिस्टम देती है।
मैडल के साथ मिलते है करोड़ो रुपय- नोबेल प्राइज जीतने वाले को स्वर्ण इनाम के साथ 10 मिलियन स्वीडिश क्रोनोर के धन राशि मिलती है। भारतीय करेंसी में इनस्वीडिश क्रोनोर की कीमत 8.50 रुपय करोड़ है। अल्फ्रेड नोबेल की मृत्यु 1895 में हो गई थी। इस अवार्ड की राशि और निर्माता स्वीडिश आविष्कारक इनकी वसीयत से आता है। नोबेल पुरस्कार को मेडिसिन के अलावा फिजिक्स, केमेस्ट्री, साहित्य, शांति और अर्थशास्त्र के क्षेत्र में बेहतर काम करने के लिए भी दिया जाता है। आने वाले कुछ दिनों में इन क्षेत्रों में भी मिलने वाले अवार्ड का भी एलान किया जाएगा।
BREAKING NEWS:
The 2021 #NobelPrize in Physiology or Medicine has been awarded jointly to David Julius and Ardem Patapoutian “for their discoveries of receptors for temperature and touch.” pic.twitter.com/gB2eL37IV7— The Nobel Prize (@NobelPrize) October 4, 2021