ये घटना दीवालीखाल राज्य का है। ये जगह भराड़ीसैंण से 6 किलोमीटर पहले है। दुकान का मालिक देवेंद्र सिंह नेगी है। कर्णप्रयाग और गैरसैंण के बीच इस राज्य में एक चाय की दुकान हुआ करती थी। जो कि अब नही रही। उस दुकान का मालिक देवेंद्र सिंह नेगी था। उसका घर सिर्फ इस चाय की दुकान से चलता था। उनका परिवार पिछले 80- 85 साल से चाय की दुकान चला रहा था। पहले उसके दादा और फिर पिता दुकान चलाते रहे।
अब देवेंद्र भी इस दुकान को चलाने में मेहनत करके आत्मनिर्भर बन रहे थे। लेकिन कुछ दिन पहले सड़क के किनारे इस चाय की दुकान को प्रशासन ने मलबे के ढेर में तब्दील कर दिया। ताकि मंत्री और विधायकों को इस रास्ते से गुजरने में कोई दिक्कत न हो। चाय की दुकान को तोड़ने का मकसद सिर्फ रोड को चौड़ी करना था। क्योंकि जब इस गांव में सड़क और विधानसभा नही था, तब भी यहाँ देवेंद्र की चाय की दुकान थी। लेकिन अब उस दुकान की खत्म कर दिया गया। जिसे देख कर देवेंद्र काफी परेशान है।
सड़क बनाने के लिए प्रशासन ने एक चायवाले को बेरोजगार करके घर बैठा दिया। देवेंद्र ने कहा कि दुकान तोड़ने से दो दिन पहले उन्हें एक नोटिस आया जिसमे मुआवजा देने और एक नई दुकान बनाकर देने का वादा किया। लेकिन सरकार ने कोई भी वादा नही निभाया। उन्होंने प्रशासन से मदद मांगी, ताकि वह अपना घर चला सके।