गाज़ियाबाद:- गाज़ियाबाद में आदित्य वर्ल्ड सिटी के पास ई टावर अपार्टमेंट में मंगलवार को बिजली के जाने से स्वाति तायल (51वर्ष) करीब 20 मिनट तक लिफ्ट में फंसी रही। स्वाति तायल के पति ने बताया कि लिफ्ट में पावर बैकअप का यूपीएस न होने के कारण लिफ्ट में अंधेरा था। वहीं ई टावर में तीसरे और चौथे माले में फंसी महिला को खोजने में गार्ड ने 15 मिनट लगा दिए।20 मिनट तक लिफ्ट में फंसे रहने से महिला को जब बाहर निकालने की कोशिश के दौरान उसने छलांग लगा दी और उसका पैर टूट गया।
सोसाइटी वालो ने थोड़े से पैसे बचाने के लिए लोगो की जान जोखिम में डाल रखी है। ऐसे ही घटना पिछले सप्ताह हुई जिसमें एफ टावर की लिफ्ट मे कई बच्चे फंस गए थे। वहीं 17 अक्टूबर को लग्जूरिया एस्टेट सोसायटी में भी डीजी सेट का डीजल खत्म होने और बिजली के चले जाने से 20 मिनट तक तीन बच्चे लिफ्ट में फंसे रहे। जिसके बाद सोसाइटी में भी खूब हंगामा हुआ।
यूपीएस न होने के कारण लिफ्ट बनी जान का खतरा
सोसाइटी वालो ने बताया कि फ्लैट के मालिक ने दो लाख रुपये बचाने के लिए लिफ्ट में यूपीएस नही लगवाया। और जब बिजली चली जाती है तो लिफ्ट रुक जाती है और उसमें अंधेरा हो जाता है। बिल्डर से यूपीएस लगवाने के लिए कई बार बोला लेकिन वह सुनता ही नही है। अपार्टमेंट ओनर्स एसोसिएशन के मालिक की कोरोना से मौत के बाद इकाई के सक्रिय नहीं होने का खामियाजा भी उठाना पड़ रहा है।
उत्तर प्रदेश की सरकार ने नही बनाई पूरी लिफ्ट
आरडब्ल्यूए फेडरेशन ऑफ गाजियाबाद के चेयरमैन टीपी त्यागी ने कहा कि लिफ्ट में लोगो के फंसने की घटना बढ़ते जा रही है। ऐसे ने फेडरेशन ने यूपी सरकार से लिफ्ट एक्ट बनाने की मांग की थी। जब इस पर कोई सुनवाई नही हुई तो 20 पेजो की ड्राफ्ट रिपोर्ट बनाकर शासन को भेजी गई। और शासन ने रिपोर्ट को स्वीकारने से मना कर दिया। इसलिए लिफ्ट एक्ट बनाने के लिए एजेंसी को मेंटेनेंस का जिम्मा देने की जरूरत है।