सीडीएस जनरल बिपिन रावत भले ही आज दुनिया को अलविदा कह गए हो लेकिन भारत के लोगों के दिलों में वे हमेशा ही जिंदा रहेंगे ।उन्होंने मर के भी इस देश के लोगों के दिलों में अपनी एक अमिट छाप छोड़ी है। उनकी इस आकस्मिक मौत पर अभी भी पूरे देश की आंखें नम है ।आज कृतिका व तारिणी ने अपने माता-पिता शहीद जनरल बिपिन रावत व मधुलिका रावत की अस्थियां हरिद्वार में गंगा नदी में विसर्जित की ।
विपिन रावत ने भारत के प्रत्येक नागरिक के लिए बहुत कुछ किया था। देश के लोग सरकार से मांग कर रहे हैं कि शहीद विपिन रावत को भारत रत्न से सम्मानित किया जाए ।शहीद जनरल विपिन रावत को भारत रत्न देने की मांग में केदारनाथ के वरिष्ठ तीर्थ पुरोहित श्रीनिवास पोस्ती भी हैं। तीर्थ पुरोहित श्रीनिवास पोस्ती ने भारत सरकार से यह मांग की कि जनरल बिपिन रावत को भारत रत्न दिया जाए ।
उन्होंने बताया कि उनकी जनरल बिपिन रावत से केदारनाथ एवं टिहरी में भेंट हुई थी ।बता दें कि 19 सितंबर 2019 को बिपिन रावत केदारनाथ आए हुए थे । वे उत्तराखंड एवं गढ़वाल के लिए बहुत कुछ करना चाहते थे ।विपिन रावत खुद भी उत्तराखंड के पौड़ी जिले के निवासी थे ।उनके गांव सैण में अभी भी उनकी आकस्मिक निधन को लेकर मातम पसरा हुआ है।
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