
उत्तराखंड के अभिभावकों के लिए एक बहुत बड़ी खुशखबरी पुष्कर सिंह धामी सरकार द्वारा दी गई है। बता दें कि राज्य में विद्यालयों द्वारा मनमर्जी से अब अभिभावकों से विद्यार्थियों की कोई भी फीस नहीं ली जाएगी। यह जानकारी राज्य के शिक्षा मंत्री अरविंद पांडे ने हल्द्वानी पहुंचकर दी व कहा कि विद्यालय से संबंधित किसी भी मामले को सॉल्व करने के लिए सरकार ने विद्यालय नियामक प्राधिकरण का गठन किया गया। जिसके तहत विद्यालय संबंधी सभी मामले जैसे कि शिक्षकों के वेतन से संबंधित मामले अभिभावकों के शोषण से संबंधित मामले या स्कूल फीस से संबंधित मामले सॉल्व किए जाएंगे।
क्योंकि केंद्र सरकार की नई शिक्षा नीति के तहत विद्यालय नियामक प्राधिकरण का गठन किया गया है जो कि शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार लाने व शिक्षको और अभिभावकों के बीच के फीस संबंधी मसले को सुलझाने का कार्य करेगा। साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि विद्यालय नियामक प्राधिकरण फीस एक्ट की तुलना में 4 गुना ज्यादा शक्तिशाली है। इसके तहत विद्यालय द्वारा ली जाने वाली अनियमित फीस पर लगाम लगेगी।
शिक्षा मंत्री अरविंद पांडे ने आगे कहा कि अब मातृभाषा को बढ़ावा देने के लिए विद्यालयों में कक्षा एक से पांच तक बंगाली, गुरुमुखी ,जौनसारी, कुमाऊनी और गढ़वाली भाषा भी पढ़ाई जाएगी।
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