माता पिता की संपत्ति बच्चो के ही काम आती है,लेकिन कभी कभी बच्चे पैसों के लिए इस कदर अंधे हो जाते हैं कि अपने परिवार को ही नुकसान पहुंचा देते है।आज की खबर कुछ ऐसी ही है।यहां एक बेटे ने अपने माता पिता की संपत्ति के लिए अपने परिवार को ही रास्ते से हटा दिया।सारे रिश्तों को शर्मसार कर दिया गया।
जानकारी के मुताबिक उत्तर प्रदेश के लखनऊ में एक बेटा अपने बुजुर्ग माता पिता व भाई को कश्मीर घुमाने ले गया और उनकी हत्या कर वहां से अकेले ही वापस लौट आया।वापस आकर उसने यह कहा कि उसके परिवार वाले हिमस्खलन के दौरान लापता हो गए।
खबर के बारे में तब पता चला जब पुलिस को एक एक कर तीनों लाशे मिलने लगी।पहली लाश सुल्तानपुर के गोमती किनारे 6 जनवरी को एक वायक्ति को मिली जिसने पुलिस को खबर किया।पुलिस जांच पड़ताल कर ही रही थी कि उन्हें मलिहावाद के यादवखेड़ा में 8 जनवरी को एक बुजुर्ग की लाश भी मिल गई।
और तीसरी लाश 13 जनवरी को पतौना गांव की झाड़ियों में मिली।पुलिस को शक तो तब हुआ जब तीनों लोगों की हत्या एक तरह से गला रेतकर की गई थी।पुलिस जांच पड़ताल तो कर रही थी लेकिन तीनों लोगों का पता नहीं चल पा रहा था।
कुछ समय बाद पुलिस ने इंटरनेट पर तेइन लोगों की जम्मू के रामबन जिले से गायब होने की खबर सुनी थी।उन्हे पता चला की तीनों लोग लखनऊ के विकासनगर से थे।पुलिस ने जब पता लगाया तो पता चला कि तीनों लोगों के हत्या की खबर महमूद अली की बेटी द्वारा दी गई है,जिसका नाम अनम है।उसने बताया कि उसके माता पिता और भाई जम्मू से गायब है।
अनम के द्वारा दी गई तस्वीरों से लाशों का पता चल चुका था।उसने बताया उससे जम्मू से अपने मोबाइल में कुछ तस्वीरें मिली,जिससे पता चला कि वे लोग जम्मू कश्मीर घुमाने गए है। पिता का नाम महमूद अली था जो विकास नगर थाना क्षेत्र के सेक्टर दो में अपनी बीवी और दो बेटों के साथ रहते थे।वे इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन से रिटायर्ड थे।
उनके बेटों का नाम सरफराज और शावेज था।माता पिता और भाई शावेज के लापता होने की खबर सरफराज ने ही दी थी।उसने बताया की वे लोग भूस्खलन के चलते वहां फंस गए हैं।पुलिस ने जब महमूद और शावेज की लोकेशन का पता लगाया तो हैरान रह गए और उन्हें सीधा शक अकेले बचे सरफराज पर हुआ।पुलिस ने उसे हिरासत में लेकर पूछताछ शुरू कर दी।
पहले सरफराज ने सच को छुपाने की कोशिश की लेकिन पुलिस की सख्ती के बाद उसे सच कुबूल करना पड़ा।उसने बताया कि उसी ने अपने एक मित्र अनिल यादव की सहायता से अपने परिजनों की हत्या की।सरफराज ने परिजनों को खाने में करीब 90 नींद की गोलियां मिला कर खिलाया और उन्हें बेहोश किया और फिर तीनों की गला रेतकर हत्या की।और उन्हें अलग अलग जगह जाकर फेंक दिया।सरफराज ने अपने दोस्त को इस काम के लिए करीब दो लाख रुपए दिए।
छानबीन के दौरान पुलिस को 13 जनवरी की फ्लाइट टिकट और 14 जनवरी की वापसी की टिकट मिली।पुलिस ने दोनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया।यह हत्याकांड एक चर्चा का विषय बन चुका है। आरोपी ने हत्या को छुपाने की बहुत कोशिश की लेकिन वह इसे छिपा न सका।इस वारदात ने सभी रिश्तों को शर्मसार कर दिया है।