कीव:रूस की सेना ने जहां यूक्रेन पर आक्रमण कर दिया है वहीं अब दूसरे दिन में सेना कीव नामक राजधानी में घुस चुकी है। वहीं यह सब देख यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोडिमिर जेलेंस्की अंडरग्राउंड हो चुके हैं और यूक्रेनी सेना भी रूस के सैनिकों को रोकने के लिए शहर के अंदर मोर्चेबंदी कर रही है।इन सब के बीच बहुत सी भावुक घटनाएं भी सामने आ रही है।
ऐसी ही एक न्यूज हम आपको आज सुनाने जा रहे है।खबर क्रीमिया की है।यहां रूसी सेना को रोकने के लिए एक यूक्रेनी सैनिक ने खुद को एक पुल के साथ उड़ा लिया। पुल उड़ने की वजह से रूसी सेना को दूसरी और जाने के लिए बहुत मशक्कत करनी पड़ी। वहीं हर जगह यूक्रेन के इस वीर सैनिक के द्वारा दिए गए इस सर्वोच्च बलिदान की जमकर प्रशंसा की जा रही है।
यूक्रेन के जनरल स्टाफ ऑफ ऑर्म्ड फोर्सेज की फेसबुक द्वारा दी गई जानकारी के मुताबिक इस वीर यूक्रेनी सैनिक का नाम विटाली शकुन है।जो इस समय क्रीमिया बॉर्डर पर खेरसॉन क्षेत्र में हेनिचेस्क नामक पुल की रखवाली के लिए तैनात थे।बटालियन द्वारा तय किया गया था कि रूसी सेना को रोकने का केवल तरीका पुल को उड़ा देना है। फैसला लेने के बाद पुल के चारों ओर विस्फोटक लगा दिए गए,लेकिन वहां से इतने कम समय में बाहर निकलना बहुत मुश्किल था तो यह धमाका करने वाले सैनिक की मृत्यु इसमें तय थी।
इसके बाद सैनिक विटाली शकुन द्वारा मैसेज भेजा गया कि वह पुल उड़ने जा रहा है।और इसके कुछ देर बाद ही एक धमाके की आवाज सुनाई दी।उनका यह प्रयास सफल भी हुआ रूसी सैनिकों को दूसरी तरफ जाने के लिए बहुत मशक्कत करनी पड़ी।गुरुवार को युद्ध के पहले दिन शहीद होने वाले उन कम से कम 137 यूक्रेनी सैनिकों में शामिल है।
इसके अलावा जनरल स्टाफ ऑफ ऑर्म्ड फोर्सेज द्वारा शहीद जवान की प्रशंशा करते हुए लिखा,”हमारे देश के लिए मुश्किल घड़ी में सभी यूक्रेनी एक साथ खड़े हैं। यूक्रेनी लोग लोग सभी दिशाओं में रूसी कब्जेदारों को खदेड़ रहे हैं। इस दौरान सबसे कठिन स्थानों में से एक क्रीमियन इस्तमुस में हमारे नौसैनिकों की एक बटालियन ने दुश्मनों का जमकर मुकाबला किया। उन्होंने दुश्मन के टैंको को रोकने के लिए जेनिचेस्की रोड ब्रिज को उड़ाने का निर्णय लिया।इसके अलावा वीर यूक्रेनी सैनिक की इस बहादुरी के लिए मरणोपरांत पुरस्कार भी दिया जाएगा।”
वहीं दूसरे बटालियन के इंजीनियर विटाली वोलोडिमिरोविच स्काकुन द्वारा स्वेच्छा से इस काम को करने के लिए कहा।विस्फोटक को चारों ओर लगाकर उन्होंने धमाका किया,उनके पास वहां से बाहर निकलने का समय नहीं था।साथी सैनिकों ने बताया कि धमाका तो हो गया लेकिन इस धमाके में उनका भाई भी शहीद हो गया है।इस वीर कार्य केआई वजह से ही उनके दुश्मन की रफ्तार अभी बहुत धीमी हो चुकी है।