टिहरी गांव की तरह सोमवार को लोहारी गांव ने भी जल समाधि ले ली है।ग्रामीणों के सामने उनका गांव एक पल में ही गायब हो गया।शहर को बिजली मिलने , रोशन करने के लिए यह गांव भी जलमग्न हो गया।इस दौरान सभी ग्रामीण अपने घरों, गांव और उनकी यादों को लेकर बहुत भावुक थे।इससे जुड़ी कई भावुक करने वाली तस्वीरें सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है।
एक तरफ यमुना का वेग था,और दूसरी ओर ग्रामीणोंकी आंखों में आसूं थे।लोग अपने सामने अपनी जन्मभूमि,जमीन,घरों को डूबता हुआ देख रो पड़े।यह गांव लखवाड़-व्यासी बांध परियोजना के डूब क्षेत्र में आता है।जिसमे करीब 71 परिवार रहते थे।इन परिवारों को अब सरकार विस्थापित कर रही है।
यहां 120 मेगावाट की व्यासी जलविद्युत परियोजना के लिए डैम बनाए गए जिसमे पानी भरने का काम अब खत्म होने ही वाला है।इस परियोजना से पूरे प्रदेश भर में बिजली की समस्या खत्म करने में एक अहम भूमिका निभाएगी।जैसे ही पानी का स्तर बढ़ता गया वैसे वैसे सोमवार को लोहारी गांव में भी पानी आ गया है।
बढ़ते जलस्तर के साथ साथ वहां की सभी चीजे घर, गौशाला,खेत खलियान सब आगोश में आ गए।कई दिन पहले ही गांव को खाली करा लिया था। वहां के ग्रामीणों को गांव में ही ऊंचाई पर बने एक राजकीय प्राथमिक विद्यालय और जलविद्युत निगम की कालोनी के 12 अन्य मकानों में भेजा गया है।
परियोजना के प्रभारी अधिकारी व जलविद्युत निगम के सहायक महाप्रबंधक राजीव अग्रवाल द्वारा बताया गया कि फिलहाल व्यासी डैम में पानी का स्तर 629 मीटर पहुंच चुका है।और देर रात तक यह जलस्तर 631 मीटर तक पहुंच सकता है।प्रदेश को अप्रैल के अंतिम सप्ताह तक इस परियोजना से बिजली मिलनी शुरू हो जाएगी।
वहीं ग्रामीणों को मुआवजा और अन्य भुगतान पहले ही किया जा चुका है। वहीं ग्रामीणों ने इस बारे में बताया कि वे उसी बांध के ऊपर की किसी आसपास की जगह बसना चाहते हैं,जिससे उनकी यादें उस जगह से जुड़ी रहे।