गर्मियों के समय अब जंगलों में आग लगना एक आम समस्या बन जाएगी। ऐसे में जन जीवन का बहुत नुकसान होता है।ज्यादातर यह आग जंगलों में लगती है।कुछ समय पहले अल्मोड़ा के एक होटल में आग लगने की खबर सामने आई थी।नैनीताल से पिथौरागढ़ के जंगलों में भी भीषण आग लगने की खबरे मिल रही है।अब बागेश्वर में भी पांच मकानों के जलने की खबर सामने आ रही है।साथ ही गोदाम भी जल गया।या बात सही रही कि इन घरों में कोई रहने वाला नही था।
बागेश्वर में यह आग जंगलों में लगी थी और फैलते हुए इस आग ने नमतीचेटाबगड़ के पांच घरों को भी लपेटे में ले लिया।सारे मकानों के साथ साथ वहां रखा सामान भी जल गया।दरहसल,यह मकाम बरसात के मौसम में रहने के लिए बनाए गए थे।इसीलिए इस समय इनमे कोई नही रह रहा था।
वहीं अल्मोड़ा के जौरासी,जागेश्वर और लमगड़ा की बात की जाए तो वहां के जंगलों में भी दूर दूर तक आग लगी जिससे बहुत नुकसान हुआ।पिथौरागढ़ के बेडीनाग क्षेत्र के कुछ जंगल बीते दो दिनों से जल रहे थे।लेकिन अब वहां काफी हद तक नाचनी और वहां के कुछ गांव के पंचायती वनों में ग्रामीणों की सहायता से आग में काबू पा लिया है।
साथ ही झिरौली और नैणी के जंगलों की आग ने मेग्निसाइट के गोदाम को भी लपेट लिया।नैनीताल के खैरनारानीखेत के चौबटिया में रेंज में भी सुबह आग लगी।लेकिन दिन तक आग को काबू में कर लिया गया था।
इसके अलावा उद्धमसिंह नगर के जसपुर में भी कुछ अज्ञात कारणों की वजह से किसान की 12 एकड़ की जमीन में कटे हुए गेहूं के खेत में आग लग गई,जिससे वहां मौजूद भूसे में भी आग लग गई।बीते दिनों में इस तरह के आग लगने की कई घटनाएं हुई है।