पौड़ी गढ़वाल: चुनौतियां जिंदगी का हिस्सा होती है,बस हमे अपनी मेहनत और लगन से अवसर को पाना होता है।आज की खबर उत्तराखंड पौडी गढ़वाल के हिलोगी गांव से आ रही है। यहां कि बेटी अर्चना बिष्ट इसरो में साइंटिस्ट के रूप में सेवाएं देंगी।
अर्चना ने कोरोना काल का अच्छे से सदुपयोग कर पूरे दो साल कड़ी मेहनत की। और आखिर अब उन्होंने अपने सपने को पूरा कर दिखाया है।कोरोना काल में बहुत से लोगों की नौकरी छीन दो लेकिन अर्चना ने हिम्मत न हारकर उस समय का सदुपयोग किया।
अर्चना मूल रूप से पौड़ी गढ़वाल की है जिसका परिवार इस समय गाजियाबाद में रहता है।उन्होंने बताया कि उन्हे सफलता कोरोना के द्वारा लगे लॉकडाउन के कारण मिली।
अर्चना प्रताप विहार के एम ब्लॉक की निवासी हैं।उन्होंने ब्लूम पब्लिक स्कूल से अपनी शुरुआती पढ़ाई की।वह क्लास की टॉपर थी जिसने दिल्ली यूनिवर्सिटी से मैथमेटिक्स ऑनर्स भी पूरा किया।इसके बाद वर्ष 2018 में अर्चना ने बीएचयू से मास्टर्स की डिग्री मैथ्स में हासिल कर सीएसआईआर का एग्जाम दिया जिसे क्लियर करने पर आईआईटी रुड़की से उन्होंने पीएचडी की।
उन्होंने इस सफलता को पाने के लिए दिन रात मेहनत की।एक समय अर्चना के गणित में 100 में से केवल 11 नंबर आए थे।उनके कड़े परिश्रम की वजह से ही वह अगले वर्ष अच्छे अंक लाई।
अर्चना बिष्ट एक बहुत साधारण परिवार में जन्मी है,जो आज केवल उनके गांव की लड़कियों के लिए हो नहीं बल्कि देश भर की लड़कियों के लिए मिसाल बन चुकी है। अर्चना ने अपनी सफलता का श्रेय अपने परिजनों एवं गुरुजनों को दिया है।उन्होंने कहा,” अगर मेहनत की जाए तो असंभव लक्ष्य को भी हासिल किया जा सकता है, हमें प्रयास करते रहना चाहिए।”