सुहानी जो कि जयपुर मे एक ऑटो ड्राइवर की बेटी है। बेहद गरीबी हालातों का सामना कर सुहानी ने अपने विद्यालय और कक्षा 10वीं में 96 फीसदी अंक प्राप्त कर टॉप किया।
कोरोना काल के चलते सुहानी के परिवार वालों को काफी मुश्किल दौर से गुजरना पड़ा हालांकि यह परिवार बी.पी.एल कार्ड की श्रेणी मे आता है लेकिन इन्होंने लोगो के कपड़े धोकर उस खर्चे से अपना गुजारा किया। सुहानी बचपन से ही बहुत पढ़ने वाली छात्रा थी ऑनलाइन पढ़ाई के समय इन्होंने अपनी माताजी के फोन से पूरी पढ़ाई की क्योंकि सुहानी के पास अपना खुद का मोबाइल नही था।
बच्चे जहां आजकल मोबाइल का प्रयोग गेम खेलने के लिए करते है, कुछ दिन भर सोशल मीडिया मे ही अपना मनोरंजन करते है, कुछ साइबर क्राइम जैसी घटनाएं करते है वहीं सुहानी ने मोबाइल का किसी भी तरह से मिसयूज ना करते हुए केवल अपनी पढ़ाई पर ध्यान दिया
सुहानी बताती है की वह रोज 5-6 घंटे पढ़ाई किया करती है और साथ हि में घर के काम भी करती है। श्री केसजी गुजरात समाज हिंदी मीडियम स्कूल में पढ़ रही सुहानी के प्रधानाध्यापक श्री देवेन्द्र कुमार वाजा ने इनकी फीस भी माफ कर दी थी।
अब सुहानी का सपना है की वह पढ़ लिख कर सी.ए या फिर आई.ए.एस बने।अपनी परेशानियों को अपनी मुसीबत ना बनाकर बल्कि उनसे लड़के उनको अपनी शक्ति बनाने का एक उदाहरण सुहानी जैसी छात्रा है।