शुक्रवार 10 जुलाई 2020 को दिल्ली की साकेत अदालत ने 82 बांग्लादेशी नागरिकों को जमानत दे दी है। आपको बता दें इन लोगों के खिलाफ वीजा शर्तों का उल्लंघन करने का आरोप था। इनपर वीजा शर्तों का उल्लंघन करके, निजामुद्दीन मरकज में तब्लीगी जमात मण्डली में शामिल होने का आरोप था। इन लोगों पर जमात बैठक में अवैध रूप से मिशनरी गतिविधियों पर शामिल होने और कोविड-19 के खतरे को मध्यनजर रखते, सरकार द्वारा जारी किये गये दिशानिर्देशों का उल्लंघन करने का आरोप लगाया गया था। मुख्य मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट ने प्रत्येक विदेशी नागरिक को 10,000 रुपये के निजी बॉन्ड को प्रस्तुत करने के बाद राहत दी है। शुक्रवार को दायर की गई दलील के तहत, दोषियों (accused) ने अपराध के लिए कम सजा देने की प्रार्थना थी।
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आपको बता दें, आपराधिक प्रक्रिया कोड के तहत याचिका की अनुमति दी जाती है। लेकिन केवल उन्हीं मामलों में जहां अधिकतम सजा सात साल की जेल हो। इसके साथ साथ उस दोषी ने सामाजिक-आर्थिक स्थितियों को प्रभावित नहीं किया हो। और उसने यह अपराध 14 साल से कम उम्र की महिला या बच्चे के खिलाफ नहीं किये हो। अगर यह शर्ते पूरी होती है तो ही दोषी को याचिका की अनुमति दी जाती है। सुनवाई के दौरान, सभी आरोपियों को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से अदालत में पेश किया गया था।