Soldier Ram Singh Chauhan Passed Away: उत्तराखंड राज्य के एक बेहद ही दुखद खबर सामने आ रही है. उत्तराखंड राज्य के रहने वाले और आजाद हिंद फौज के सिपाही रहे चुके राम सिंह चौहान का बागेश्वर में निधन हो गया है. राम सिंह चौहान ने 102 वर्ष की आयु में अपनी अंतिम सांस ली. राम सिंह चौहान को श्रद्धांजलि देने के लिए स्थानीय लोग, सामाजिक संगठन और नेताओं का तांता लगा हुआ था. राम सिंह चौहान कुछ दिनों से थोड़ा बीमार चल रहे थे. जिस वजह से उनका इलाज जिला अस्पताल में चल रहा था.
उनके परिजनों के मुताबिक राम सिंह चौहान की तबीयत कुछ दिन पहले अचानक से खराब हो गई. उन्हें बुखार के साथ-साथ खांसी की शिकायत भी थी. जिसके बाद उन्हें जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया. जिला अस्पताल में भर्ती होने के बाद उनकी सेहत में थोड़ा सा सुधार आने लगा था. मगर सुबह के वक्त उनकी तबीयत फिर से अचानक से खराब हो गई और उनका निधन हो गया. राम सिंह चौहान पासदेव वज्यूला क्षेत्र में रहते थे.
राम सिंह चौहान गढ़वाल राइफल में रहने के दौरान ही आजाद हिंद फौज का हिस्सा बन गए थे. राम सिंह चौहान जी ने सुभाष चंद्र बोस के साथ मिलकर आजादी की लड़ाई में बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया था. राम सिंह चौहान का जन्म 22 फरवरी 1922 में हुआ था. राम सिंह चौहान के पिता तारा सिंह भी 1940 में गढ़वाल राइफल में तैनात थे. राम सिंह चौहान के पिता ने पहले विश्व युद्ध में हिस्सा लिया था.
जिसके बाद राम सिंह चौहान भी गढ़वाल राइफल का हिस्सा बने. मगर नेताजी सुभाष चंद्र बोस से बहुत ज्यादा प्रभावित होकर 1942 में वह अपने साथियों के साथ आजाद हिंद फौज में भर्ती हो गए. जिसके बाद तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने 1972 में स्वतंत्रता सेनानी राम सिंह चौहान को ताम्रपत्र से सम्मानित किया था.
कुछ दिनों पहले एक ही एक का काम करते वक्त उनकी तबीयत बिगड़ने लगी. जिसको देखते हुए उन्हें जिला अस्पताल में भर्ती करा दिया गया.स्वतंत्रता सेनानी राम सिंह चौहान के निधन पर विधायक सुरेश गढ़िया समेत क्षेत्रीय नेताओं और संगठनों ने गहरा दुख जताते हुए उन्हें श्रद्धांजलि दी है.