उत्तराखंड: दादा-दादी की इच्‍छा पूरी करने को चारों पोते बने श्रवण कुमार, गाजियाबाद से कांवड़ में बैठाकर घुमाया हरिद्वार

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Four youths from Ghaziabad made grandparents sit in a kanwar and toured Haridwar
Four youths from Ghaziabad made grandparents sit in a kanwar and toured Haridwar (Image Credit: jagran.com)

यह कहावत तो आप सभी बचपन से सुनते ही आ रहे होंगे कि “भगवान उन्ही की मदद करता है जो खुद की मदद करते हैं” . इसी कहावत को गाजियाबाद के रहने वाले 4 युवाओं ने सच करके दिखा दिया है. पुराने जमाने की एक कहानी तो आप सभी ने सुनी ही होगी. जिसमें श्रवण कुमार नाम क्या है एक युवक अपने माता पिता को कांवड़ में बैठाकर यात्रा कराता है.

आज के जमाने में ऐसा ही एक वाकया देखने को मिला है. चार युवक अपने बुजुर्ग दादा दादी को का मन में बैठा कर हरिद्वार से गाजियाबाद की ओर जाते हुए दिखाई दिए हैं. गाजियाबाद के सलकपुर फरूक नगर निवासी राजवीर सैनी के पुत्र राहुल सैनी, विकास सैनी, सागर सैनी और तरुण सैनी द्वारा अपने बुजुर्ग दादा धन्नो उम्र 85 साल और दादी बलबीरी उम्र 80 साल की इच्छा को पूरी करने के लिए दिनांक 19 जून को उन्हें कावड़ में बैठाकर हरिद्वार पहुंचे.

जिसके बाद उन्हें अच्छे से स्नान कराकर दिनांक 20 जून को कावड़ में बैठा कर उन्हें वापस अपने घर गाजियाबाद की ओर निकल पड़े. इस कांवड़ यात्रा के बारे में बताते हुए राहुल सैनी ने कहा कि वह 1 दिन में महज 10 किलोमीटर की यात्रा कर पाते हैं और बताया कि उनके दादा-दादी कि यहां इच्छा थी कि वह हरिद्वार में स्नान करके वहां से गंगाजल लेकर वापस गाजियाबाद आए.

मगर बुजुर्ग होने की वजह से वहां अपनी इस इच्छा को पूरा नहीं कर पा रहे थे. जब उनके दादा-दादी ने यह इच्छा अपने पुत्रों को बताई. तो राहुल सैनी और उनके भाइयों ने उनकी इच्छा को पूरा करने की ठान ली और चारों भाई अपने दादा-दादी को लेकर हरिद्वार पहुंच गए. और दर्शन कराकर वापस गाजियाबाद ले गए।

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