शिक्षक दिवस के अवसर पर केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय द्वारा देश के उन विशिष्ट शिक्षकों को सम्मानित किया जाएगा, जिन्होंने अपनी निरंतर मेहनत और समर्पण से स्कूली शिक्षा की गुणवत्ता में अभूतपूर्व सुधार किया है। यह सम्मान उन शिक्षकों की कड़ी मेहनत और शिक्षा के क्षेत्र में उनके योगदान को पहचानने के लिए दिया जा रहा है
प्रत्येक वर्ष 5 सितंबर को केंद्र सरकार द्वारा आयोजित राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार समारोह में देशभर के विशिष्ट शिक्षकों को सम्मानित किया जाता है। इस वर्ष उत्तराखंड से कुसुमलता गडिया नामक एक मेधावी शिक्षिका का चयन इस प्रतिष्ठित पुरस्कार के लिए किया गया है, जो राज्य के लिए एक गर्व का क्षण है।
कुसुमलता गडिया, चमोली जिले के पोखरी ब्लॉक के राजकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय की एक प्रतिभाशाली शिक्षिका, ने अपने समर्पण और मेहनत से छात्रों के जीवन को बेहतर बनाने और विद्यालयी शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार लाने में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। उनकी उपलब्धियों के लिए उन्हें राष्ट्रीय स्तर पर सम्मानित किया जा रहा है, और उन्हें राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार के लिए चुना गया है।
इससे पहले भी उन्हें राज्य स्तर पर शैलेश मटियानी राज्य शैक्षिक पुरस्कार से सम्मानित किया जा चुका है। कुसुमलता गडिया ने विद्यालय में कई नवाचारी कदम उठाए हैं, जिनमें लर्निंग कॉर्नर बनाना, पेंटिंग, टीएलएम, वॉल पेंटिंग, पोस्टर अभियान और ऑनलाइन क्लास शामिल हैं, जिससे छात्रों के जीवन को समृद्ध बनाने में मदद मिली है।
कुसुमलता गडिया, एक प्रतिभाशाली शिक्षिका, ने अपने विद्यालय में शैक्षणिक और सांस्कृतिक गतिविधियों को नियमित रूप से आयोजित करके छात्रों को एक बेहतर मंच प्रदान करने का प्रयास किया है। उन्होंने स्कूल की दीवार पर क्यूआर कोड के माध्यम से शिक्षा का एक नवाचारी मॉडल प्रस्तुत किया है, जो उनकी मेहनत और समर्पण को दर्शाता है।
राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार के लिए चयनित होने पर कुसुमलता गडिया ने कहा, “मेरे लिए मेरा विद्यालय मेरे परिवार से भी अधिक महत्वपूर्ण है। आज के डिजिटल युग में शिक्षा की चुनौतियाँ बढ़ गई हैं, लेकिन मुझे हर स्तर पर सहयोग मिला है, जिसके लिए मैं आभारी हूँ।” हमारी टीम कुसुमलता गडिया को उनकी इस उपलब्धि के लिए हार्दिक शुभकामनाएं देती है।