दिल्ली-देहरादून एक्सप्रेसवे का पहला चरण पूरा होने के साथ ही दिसंबर में वाहनों की आवाजाही शुरू होने की उम्मीद है। इस परियोजना का मुख्य उद्देश्य दिल्ली से देहरादून के बीच यात्रा समय को कम करना और यमुनापार क्षेत्र में वाहनों के दबाव को कम करना है।एक्सप्रेसवे के बनने से यात्रियों को कई फायदे होंगे, जैसे कि यात्रा अधिक सुगम और तेज होगी, यात्रियों को राहत मिलेगी और क्षेत्र की कनेक्टिविटी भी बेहतर होगी। यह एक्सप्रेसवे देश के महत्वपूर्ण हाईवे नेटवर्क का हिस्सा है और यात्रा के समय को काफी कम करने में मददगार सिद्ध होगा।
वर्तमान में दिल्ली से देहरादून तक की दूरी को तय करने में 6-7 घंटे लगते हैं, लेकिन एक्सप्रेसवे के शुरू होने के बाद यह समय घटकर लगभग 3 घंटे रह जाएगा। यह एक्सप्रेसवे यात्रियों के लिए एक बड़ी राहत होगी और क्षेत्र के विकास में भी मददगार सिद्ध होगा।दिल्ली-देहरादून एक्सप्रेसवे के पहले चरण का निर्माण कार्य पूरा होने के साथ ही दिसंबर में इसे जनता के लिए खोलने की तैयारी है। इस एक्सप्रेसवे का 14.75 किलोमीटर हिस्सा दिल्ली में अक्षरधाम से लोनी बॉर्डर तक फैला हुआ है, जिसमें पांच प्रवेश और निकास पॉइंट बनाए गए हैं।
इस एक्सप्रेसवे के बनने से यमुनापार में वाहनों का दबाव कम होगा और दिल्ली वालों को इस हिस्से में टोल नहीं देना होगा, जिससे उन्हें राहत मिलेगी। यह एक्सप्रेसवे दिल्ली और देहरादून के बीच यात्रा को आसान और तेज बनाएगा और क्षेत्र के विकास में मददगार सिद्ध होगा।दिसंबर में एक्सप्रेसवे के खुलने से यात्रियों को कई फायदे होंगे, जैसे कि यात्रा का समय कम होगा, यात्रा अधिक सुगम और तेज होगी और क्षेत्र की कनेक्टिविटी भी बेहतर होगी। यह एक्सप्रेसवे देश के महत्वपूर्ण हाईवे नेटवर्क का हिस्सा है और यात्रा के समय को काफी कम करने में मददगार सिद्ध होगा।
दिल्ली-देहरादून एक्सप्रेसवे के पहले चरण के निर्माण में तेजी लाई जा रही है, जिसमें अक्षरधाम से लेकर लोनी बॉर्डर तक 14.75 किलोमीटर लंबा हिस्सा शामिल है। इस एक्सप्रेसवे में पांच प्रवेश और निकास पॉइंट बनाए गए हैं, जिनमें अक्षरधाम, गांधी नगर-गीता कॉलोनी, आईएसबीटी-दिलशाद गार्डन मार्ग, खजूरी पुस्ता मार्ग और सिग्नेचर ब्रिज मार्ग शामिल हैं।
इसके अलावा, शास्त्री पार्क रेडलाइट के पास एक लूप बनाया गया है, जिससे कश्मीरी गेट बस अड्डे की तरफ से आने वाले वाहनों का हाइवे पर जाना आसान होगा। एक्सप्रेसवे के पहले खंड की लंबाई 32 किलोमीटर है, जिसे दो हिस्सों में तैयार किया जा रहा है। पहले हिस्से की लंबाई 14.75 किलोमीटर है, जो दिल्ली में आता है, जबकि दूसरे हिस्से की लंबाई 16.85 किलोमीटर है, जो लोनी से ईस्टर्न पेरीफेरल एक्सप्रेसवे तक जाता है।
इस परियोजना में 6.398 किलोमीटर और 11.244 किलोमीटर लंबा एलिवेटिड है, साथ ही सात अंडरपास, दो आरओबी, 17 मेजर और 37 माइनर जंक्शन बनाए गए हैं। यह एक्सप्रेसवे दिल्ली और देहरादून के बीच यात्रा को आसान और तेज बनाएगा और क्षेत्र के विकास में मददगार सिद्ध होगा।
राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) के अधिकारियों ने बताया है कि दिल्ली-देहरादून एक्सप्रेसवे का पहला चरण दिसंबर में यातायात के लिए खोला जाएगा। यह एक्सप्रेसवे अक्षरधाम से ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेसवे तक जाता है, जिसकी लंबाई 32 किलोमीटर है, जिसमें से 19 किलोमीटर एलिवेटिड है।यह एक्सप्रेसवे यमुनापार में घनी आबादी वाले क्षेत्रों जैसे गीता कॉलोनी, खजूरी खास, मंडोला और पंचगांव से गुजरता है, जिससे वाहनों को अब इन क्षेत्रों से नहीं गुजरना होगा। इससे यातायात की स्थिति में सुधार होगा और यात्रा का समय कम होगा।
वर्तमान में, अक्षरधाम से ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेसवे तक जाने में डेढ़ घंटे का समय लगता है, लेकिन एक्सप्रेसवे के पहले चरण के शुरू होने से यह समय 30-35 मिनट तक कम हो जाएगा। इसके अलावा, पूर्वी दिल्ली की सड़कों पर वाहनों का दबाव कम होगा और दो लाख वाहनों का बोझ कम होगा।
एक्सप्रेसवे पर जाने और निकलने की व्यवस्था शास्त्री पार्क के पास होगी, जहां से कश्मीरी गेट से देहरादून जाने वाले वाहन एक्सप्रेसवे पर जा सकेंगे और यूपी की तरफ से आने वाले वाहन भी शास्त्री पार्क के पास निकल सकेंगे। अधिकारियों का कहना है कि एक्सप्रेसवे के दिल्ली के हिस्से में एंट्री और एग्जिट प्वाइंट इस तरह से बनाया गया है कि दक्षिणी, मध्य, उत्तरी और पूर्वी दिल्ली के वाहन चालकों की आवाजाही आसान हो सके।