
उत्तराखंड की महत्वाकांक्षी ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेलवे परियोजना में एक और बड़ी उपलब्धि हासिल हुई है। टिहरी जिले में मलेथा से रानीहाट के बीच 4 किलोमीटर लंबी सुरंग का निर्माण कार्य पूरा कर लिया गया है। इस सफलता के बाद परियोजना से जुड़े अधिकारियों और कर्मचारियों ने जश्न मनाया।
परियोजना का महत्व
यह रेलवे परियोजना उत्तराखंड के पहाड़ी क्षेत्रों को रेलवे नेटवर्क से जोड़ने के उद्देश्य से बनाई जा रही है। 125 किलोमीटर लंबी इस परियोजना के तहत, हिमालय क्षेत्र में रेल कनेक्टिविटी को सुदृढ़ किया जाएगा। इस परियोजना के पूरा होने पर यात्रा का समय कम होगा, साथ ही पर्यटन और आर्थिक विकास को भी बढ़ावा मिलेगा।
प्रमुख सुरंग का निर्माण कार्य पूरा
शनिवार की देर रात, मलेथा से रानीहाट के बीच 4.06 किलोमीटर लंबी मुख्य सुरंग को सफलतापूर्वक आरपार किया गया। इस दौरान परियोजना प्रबंधक राजेश अरोड़ा ने बताया कि सुरंग निर्माण में 800 से अधिक कर्मचारी लगे हुए थे। निर्माण कार्य रेल निर्माण कार्य रेल मंत्रालय और आरवीएनएल के दिशा-निर्देशों के तहत किया गया।
इसके पहले, जुलाई 2024 में एस्केप टनल का कार्य पूरा हुआ था। मुख्य सुरंग में लाइनिंग का काम पूरा होने में लगभग 6 महीने का समय लग सकता है।
कर्मचारियों और अधिकारियों का योगदान
इस उपलब्धि को लेकर परियोजना से जुड़े सभी कर्मचारियों और अधिकारियों में उत्साह का माहौल है। सुरंग निर्माण में आधुनिक तकनीकों का इस्तेमाल किया गया है, जिससे निर्माण कार्य को निर्धारित समय सीमा में पूरा किया जा सका।
भविष्य की दिशा
इस परियोजना के 86% कार्य को पूरा कर लिया गया है और अनुमान है कि 2026 के अंत तक इस मार्ग पर ट्रेनें दौड़ने लगेंगी। परियोजना के पूरा होने पर यह क्षेत्र कनेक्टिविटी के साथ-साथ पर्यटन और रोजगार के अवसरों में भी नई ऊंचाइयां छुएगा।