
धामी सरकार ने गरीबों को सस्ते घर मुहैया कराने के लिए नई आवास नीति लागू की है, जिसमें विकासकर्ताओं को विशेष छूट दी गई है। जिससे ईडब्ल्यूएस श्रेणी में 9 लाख रुपये के घर पर सरकार 3.5 से 4.5 लाख रुपये की सब्सिडी देगी। लाभार्थी को सिर्फ 4.5 से 5.5 लाख रुपये देने होंगे। इसके लिए बैंक से लोन लेने की प्रक्रिया भी आसान कर दी गई है। वहीं मैदानी क्षेत्रों में ईडब्ल्यूएस आवास योजना में प्रति आवास 9 लाख रुपये तक का प्रावधान है।
इसमें लाभार्थी को 5.5 लाख रुपये देने होंगे, जबकि राज्य सरकार 2 लाख रुपये और केंद्र सरकार 1.5 लाख रुपये की सब्सिडी देगी। इसके अलावा, आवास निर्माताओं को 9 लाख रुपये या 30 हजार रुपये प्रति वर्ग मीटर, जो भी अधिक होगा, वह राशि प्राप्त होगी। बाखली शैली में भवन बनने पर अधिक सुविधा मिलेगी। इस योजना में ईडब्ल्यूएस के प्रति आवास के लिए 9 लाख में से लाभार्थी को केवल 4.5 लाख रुपये देने होंगे, जबकि राज्य सरकार 3 लाख रुपये और केंद्र सरकार 1.5 लाख रुपये का अनुदान प्रदान करेगी।
बता दें कि ईडब्ल्यूएस के लिए 1,000 रुपये, एलआईजी के लिए 5,000 रुपये और एमआईजी के लिए 10,000 रुपये का स्टांप शुल्क और पंजीकरण शुल्क तय किया गया है। पहले यह शुल्क 6% स्टांप शुल्क और 2% पंजीकरण शुल्क के रूप में लगता था। इसी तरह, बैंक लोन लेने पर अनुबंध में 0.5% स्टांप शुल्क लगता था, जो अब नहीं लगेगा।
इसका मतलब है कि 10 लाख रुपये के आवास पर 5,000 रुपये की बचत होगी। इसके अलावा, 10,000 वर्ग मीटर के भू उपयोग को प्राधिकरण के स्तर से तीन महीने के भीतर मंजूरी दी जाएगी और ईडब्ल्यूएस के नक्शे को पास कराने के लिए कोई शुल्क नहीं लिया जाएगा। इसके अलावा, परियोजना के लिए जमीन खरीदने वाले बिल्डरों को स्टांप शुल्क में विशेष छूट प्राप्त होगी।