
उत्तराखंड की मिट्टी ने एक बार फिर से देश की रक्षा के लिए अपने एक और वीर जवान को खो दिया है, जिसने अपनी मातृभूमि की रक्षा के लिए अपना सर्वोच्च बलिदान दे दिया है। यह उत्तराखंड के वीरों की परंपरा का एक और उदाहरण है, जो अपने देश और अपनी मिट्टी के लिए अपना सब कुछ न्योछावर करने के लिए तैयार रहते हैं। वहीं पौड़ी गढ़वाल जिले के रिखणीखाल क्षेत्र के निवासी रोबिन सिंह का सेना में ड्यूटी के दौरान अचानक निधन हो गया, जिसने पूरे क्षेत्र में मातम पसरा है। बताते चले शहीद रोबिन सिंह बिष्ट भारतीय सेना की 5 गढ़वाल राइफल्स में लांस नायक के पद पर कार्यरत थे। ड्यूटी के दौरान उनके स्वास्थ्य में अचानक गिरावट आई और उन्हें ब्रेन स्ट्रोक हुआ, जिसके बाद उन्हें चंडीगढ़ के सैन्य अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां उन्होंने अंतिम सांस ली।
इस दौरान बुधवार को सेना की टुकड़ी शहीद रोबिन सिंह बिष्ट के पार्थिव शरीर को उनके पैतृक गांव लेकर पहुंची, जिसे देखकर पूरे क्षेत्र में शोक की लहर दौड़ गई। लोगों ने अपने वीर जवान को श्रद्धांजलि देने के लिए जमकर भावुक होकर अपनी भावनाएं व्यक्त कीं। वहीं परिवार के सदस्यों द्वारा अंतिम दर्शन करने के बाद, शहीद रोबिन सिंह बिष्ट का अंतिम संस्कार पूरे सैन्य सम्मान के साथ झल का सैंण पैतृक घाट पर संपन्न हुआ। इस अवसर पर उनके पिता ने अपने वीर पुत्र की चिता को मुखाग्नि देकर उन्हें अंतिम विदाई दी।
जानकारी के मुताबिक , पौड़ी गढ़वाल जिले के रिखणीखाल क्षेत्र के चौकोड़ी गांव के मूल निवासी रोबिन सिंह बिष्ट ने वर्ष 2018 में भारतीय सेना की प्रतिष्ठित 5 गढ़वाल राइफल्स में अपनी सेवाएं आरंभ की थीं। जम्मू-कश्मीर के कारगिल क्षेत्र में तैनात रोबिन सिंह बिष्ट की ड्यूटी के दौरान अचानक तबीयत बिगड़ गई। ब्रेन स्ट्रोक के कारण उन्हें चंडीगढ़ के सैन्य अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां इलाज के दौरान उन्होंने अपनी अंतिम सांस ली।
बताते चले कि रोबिन सिंह बिष्ट का परिवार सैन्य परंपरा से जुड़ा हुआ है। उनके पिता बृजपाल सिंह बिष्ट भारतीय सेना के सेवानिवृत्त सूबेदार हैं, जिन्होंने अपने देश की सेवा में अपना सर्वोच्च योगदान दिया है। रोबिन सिंह के परिवार वालों ने बताया कि वे उनकी शादी की तैयारियों में व्यस्त थे। परिवार के लोग इसी साल उनकी शादी कराने की योजना बना रहे थे, लेकिन भगवान की मर्जी के आगे सब कुछ व्यर्थ साबित हुआ।