दोस्तों इस साल कोरोना महामारी के चलते उत्तराखंड बोर्ड का रिजल्ट हर साल की तरह मई में घोषित न होकर काफी देर बाद यानी जुलाई 29 को घोषित हुआ। रिजल्ट आने के बाद एक ओर जहां कई बच्चों ने उच्चतम अंक लाकर अपना व अपने माता पिता का नाम रोशन किया वहीं दूसरी ओर कई छात्र दी गयी परीक्षाओं में असफल रहें जिसके बाद डिप्रेसन में आकर कुछ बच्चों ने गलत रास्ते को भी अपनाया खबर पिथौरागढ़ की है जहां एक 12 में पढ़ने वाली छात्रा ने बोर्ड परीक्षा में पास न हो पाने के कारण अपने कमरे में फांसी लगा दी।
बता दें यह घटना पिथौरागढ़ क्वेराली गांव की है.
इतना ही नहीं बल्कि दसवीं में फेल होने के कारण एक छात्रा ने जहर तक घटक लिया जिसके बाद परिवार ने तुरंत इस लड़की को अस्पताल पहुंचाया। बता दें कि इस बालिका की हालत नाजुक है इसलिये इसको हायर सेंटर नैनीताल रेफर कर दिया है। यह घटना नैनीताल में कोटाब्लॉक स्तिथ कालाढूंगी क्षेत्र की बतायी जा रही है।यह भी पड़े:झाड़ियों में मिला रोता हुए नवजात शिशु, एक बार फिर शर्मसार हुई मां की ममता…
दोस्तों इस तरह की मूर्खता की घटनाएं 10 और 12 वीं में पढ़ने वाले बच्चों को सोभा नहीं देती क्योकि ऐसा काम बच्चे तब करते हैं जब उनको जिंदगी जीने के असली तरीके का अभाव नहीं होता। हमको आत्महत्या जैसे विकल्प को न चुनकर अपने परिजनों को यह विश्वास दिलवाना होगा कि इस बार हम असफल हुए अगली बार आपको जरूर सफल हो कर दिखाएंगे। मित्रों कभी भी ऐसा कदम बिल्कुल न दिखाएं क्योंकि असफलता ही सफलता की कुंजी है अर्थात अगर हम मौत को गले लगाने के बजाय अपने अंदर की कमी ढूंढे औऱ उस कमी को दूर करें तो दुनिया की कोई ताकत नहीं जो हमको उस जगह तक जाने से रोके जहां हम वास्तव में जाना चाहते हैं।
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