गढ़वाल का एक और लाल शहीद, दो महीने बाद होनी थी शादी…

जब किसी फौजी की सहादत देश की सीमाओं की रक्षा करने के दौरान होती हैं तब देश के हर शख्स को गहरा आघात पहुंचता है

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Uttrakhand soldiers harshpati singh martyred in Manipur

पहाड़ों से भी मज़बूत हौसला रखने वाले भारतीय सेना में अपना सर्वोच्च योगदान देने वाले पहाड़ी नौजवान देश की सीमाओं की रक्षा करने में अपनी जान की परवाह किये हमेशा ततपर रहते हैं। फिर चाहे वो कैसे भी हालात हों कड़कती सर्दी हो या तपती धूप। लेकिन ये सभी चीज़ें तो एक फौजी की आम दिनचर्या का हिस्सा होता है। लेकिन जब किसी फौजी की सहादत देश की सीमाओं की रक्षा करने के दौरान होती हैं तब देश के हर शख्स को गहरा आघात पहुंचता है। हर देश प्रेमी के अंदर दुःख की लहर दौड़ पड़ती है। ऐसी ही दुखद खबर आ रही है कि उत्तराखंड के हर्षपति सिंह वीरगति को प्राप्त हो गए जो कि असम राइफल्स का हिस्सा थे। मात्र 24 वर्ष के हर्षपति सिंह अब हमारे बीच नहीं रहे। बता दें ये अपने माता पिता के इकलौते बेटे थे। जो अक्टूबर में विवाह के बंधन में बंधने वाले थे। लेकिन इसी बीच दुर्भाग्य के कारण ये हमारे बीच नहीं रहे पहले इनकी शादी मई के महीने में तय हुई थी जो लॉकडाउन की वजह से अक्टूबर में टाल दी गयी।

उत्तराखंड के पौड़ी गढ़वाल जिले के पोखड़ा ब्लॉक् स्तिथ भैंसोड़ा गांव के हर्षपति सिंह 39 राइफल्स का हिस्सा थे। जिनकी बीते कुछ घण्टों में शहादत की खबर आई सूत्रों के मुताबिक पता चला बेहद ही खुशदिल व मिलनसार इंसान थे लेकिन अब हर्षपति हमारे बीच नहीं रहे 4 बहनों के अकेले भाई, अपने माँ बाप के इकलौते बेटे भारत के वीर सपूत, व असम राइफल्स के एक कर्मठ सैनिक शहीद हर्षपति सिंह को दैनिक सर्किल की ओर से भावपूर्ण श्रधांजलि। इसके साथ ही दैनिक सर्किल ईश्वर से प्रार्थना करता है कि इस दुःखद घड़ी में ईश्वर शहीद हर्षपति के परिवार को दुखों से लड़ने की शक्ति दे।
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