केरल के अलुवा जिले में सिक्का निगलने के कारण एक एक 3 वर्षीय बच्चे की मौत। बच्चे का नाम पृथ्वीराज था। बच्चे की मा, जिनका नाम नंदिनी है, उन्होंने इस मामले में जांच की मांग की है। नंदिनी ने कहा कि जब बच्चे ने सिक्का निगला तब उन्होंने वहां के 3 अस्पतालों में बच्चे को दिखाया। इसके बाद नंदिनी ने कार्यवाही के लिए एक परिषद का गठन किया। गठन का नाम पृथ्वीराज नीति एक्शन कॉउन्सिल है। बच्चे की माँ ने स्थानीय लोगों के साथ मिलकर न्याय की मांग की है। दरअसल 1 अगस्त को पृथ्वीराज ने सुबह 11 बजे एक सिक्का निकल लिया था। उसके बाद उसकी माँ उसे इलाज के लिए इलुवा सरकारी अस्पताल, एर्नाकुलम जनरल अस्पताल और अलाप्पुझा मेडिकल कॉलेज ले गयी।
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अलुवा के डॉक्टरों ने कहा कि सिक्का प्राकृतिक तरीके से बाहर निकल जाएगा। जिसके बाद नंदिनी अपने बच्चे को बाकी दोनों अस्पतालों में ले गयी। वहां उन्होंने नंदिनी को कहा कि बच्चे को दूध और केला खिलाओ। उसके बाद आधी रात को वह अपने बच्चे को वापस घर ले आयी। लेकिन अगले दिन सुबह सुबह ही बच्चे की मौत हो गयी। फॉरेंसिक रिपोर्ट के अनुसार बच्चे की मौत प्राक्रतिक तरीके से हुई है। लेकिन मां के चाचा, उदयन गोपालन ने कहा कि “पृथ्वीराज की मौत का कारण सांस लेने में तकलीफ हो सकती है। अस्पताल को बच्चे को उचित जांच के बिना वापस घर नहीं भेजना चाहिए था। उन्हें बच्चे को वहां कम से कम 12 घण्टे के लिए भर्ती करना चाहिए था।”
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